एनसीपी चाहती है कि शिवसेना केंद्र में भाजपा सरकार से न रखे कोई वास्ता…

महाराष्ट्र के लिए अगले 72 घंटे काफी अहम होने वाले हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में गतिरोध कायम है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नई सरकार के गठन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसी बीच यह जानकारी सामने आई है कि शिवसेना के साथ एनसीपी कुछ शर्तों के साथ समर्थन देना चाहती है।

एनसीपी चाहती है कि शिवसेना केंद्र में भाजपा सरकार से कोई वास्ता न रखे। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक एनसीपी सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत का इस्तीफा चाहती है। इसके बाद ही शिवसेना के साथ गठबंधन पर विचार होगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना नेता संजय राउत के साथ मुलाकात के बाद बड़ा बयान दिया । पवार ने कहा, ‘शिवसेना के साथ सरकार बनाने का सवाल ही नहीं है। वे (भाजपा-शिवसेना) पिछले 25 वर्षों से एक साथ हैं, आज या कल वे फिर साथ आएंगे। केवल एक ही विकल्प है, भाजपा और शिवसेना को सरकार बनानी चाहिए। राष्ट्रपति शासन से बचने के लिए इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। एनसीपी और कांग्रेस एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में काम करेंगे

पवार का यह बयान शिवसेना के लिए बड़ा झटका है। ऐसे इसलिए क्योंकि कुछ समय पहले ही शिवसेना नेता संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की थी। इसके इस मुलाकात के बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पवार ने यह बात कही।  इससे पहले राउत ने मुलाकात के बाद कहा कि पवार राज्य और देश के एक वरिष्ठ नेता हैं। वह महाराष्ट्र की हालिया राजनीतिक स्थिति से चिंतित हैं। इसे लेकर हमारे बीच चर्चा हुई।

पवार ने राउत से मुलाकात पर क्या कहा

पवार ने राउत से मुलाकात को लेकर कहा, ‘संजय राउत ने आज मुझसे मुलाकात की। इस दौरान हमारे बीच अगामी राज्यसभा सत्र को लेकर चर्चा हुई। कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हमने चर्चा की, जिनके बारे में हम एक समान रुख रखते हैं।’

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार पवार ने इस दौरान स्वीकार किया कि राउत ने 170 विधायकों की एक सूची दिखाई है जो शिवसेना का समर्थन कर रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि राउत को ये आंकड़े कैसे मिले हैं। अप्रत्‍यक्ष रूप से शिवसेना के रुख का समर्थन करते हुए, पवार ने कहा कि वह राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।

सीएम पद के बंटवारे पर ठनी

बता दें कि पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा का गठबंधन था। चुनाव के परिणाम आने के बाद से दोनों दलों में सीएम पद के बंटवारे पर ठनी हुई है। शिवसेना का कहना है कि भाजपा के साथ उसका गठबंधन सीएम पद पर समझौते बाद ही हुआ, लेकिन भाजपा इससे इनकार कर रही है।

शर्तों के साथ हुआ था गठबंधनः राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने इससे पहले कहा, ‘हम केवल उस प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे जिस पर हमने विधानसभा चुनाव से पहले हमने फिफ्टी-फिफ्टी पर सहमति व्यक्त की थी। अब नए प्रस्तावों का आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा। भाजपा और शिवसेना ने चुनावों से पहले सीएम के पद को लेकर एक समझौता किया था और उसके बाद ही हम गठबंधन के लिए आगे बढ़े थे।’

इसी बीच आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल एन कनाल ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि जब शिवसेना के युवा नेता आदित्य मुख्यमंत्री बनेंगे तो वह इस पद की शपथ मुंबई के शिवाजी पार्क में लेंगे ।

राहुल कनाल का ट्वीट

शिवसेना की युवा शाखा युवा सेना के सदस्य राहुल कनाल ने इसे लेकर एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के साथ आदित्य ठाकरे की तस्वीर पोस्ट की। इसमें उन्होंने मराठी में लिखा किसी दिन, शिवाजी पार्क में एक आवाज गूंज उठेगी कि मैं बाला साहेब ठाकरे का पोता, ईश्वर की शपथ लेता हूं।

उनका आशीर्वाद हम सभी के साथ

उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘यह ईश्वर की मर्जी है! इन शब्दों को सुनने के लिए और फिर से उसी जगह पर यह नजारा देखने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं, जहां हमारे मार्गदर्शक ने हमारा साथ छोड़ दिया था। उनका आशीर्वाद हम सभी के साथ है। हमारे प्यारे महाराष्ट्र की सेवा करने की जिम्मेदारी है। ईश्वर महान है! जय हिंद जय महाराष्ट्र।’

वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीते

29 साल के आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से जीते। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुरेश माने को 67,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। वह शिवसेना की ओर से चुनाव लड़ने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं।

सत्ता-बंटवारे पर दोनों दलों के बीच मतभेद

इसके बाद से उन्हें राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए कई पोस्टर सामने आए हैं। भाजपा और शिवसेना ने महाराष्ट्र ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या प्राप्त करने के बाद भी सत्ता-बंटवारे पर दोनों दलों के बीच मतभेद है। इसके चलते राज्य में अभी तक सरकार नहीं बनी है।

फडणवीस ने कहा नहीं हुआ कोई वादा 

शिवसेना ने जोर देकर कहा है कि चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच सीएम पद को ढाई साल के लिए साझा करने का समझौता हुआ था। हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि शिवसेना के साथ ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। बता दें कि विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा सीटों में से शिवसेना को 56 सीट मिले। एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।

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