एनआरसी ड्राफ्ट: लिस्ट में नाम ना होने पर भी सरकारी योजनाओं मिलेगा का लाभ
मेंदीरत्ता ने आगे कहा, डी वोटर्स के पास मताधिकार नहीं होता है। चुनाव आयोग ने पहले इस तरह के मतदाताओं, जिनके पास नागरिकता के लिए वैध दस्तावेज मौजूद नहीं थे उन्हें अपने रिकॉर्ड के लिए संदिग्ध सूची में डाला है। अब सक्षम प्राधिकारी से वैध पुष्टि के साथ एनआरसी से गायब होने वाले लोगों को संदिग्ध श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फाइनल एनआरसी आने के बाद मतदाओं के स्टेटस को रिव्यू किया जाएगा। किसी शख्स को विदेशी करार देने का अधिकार केवल विदेशी ट्रिब्यूनल के पास होगा। चुनाव आयोग विदेशी ट्रिब्यूनल के निर्णय पर काम करेगा। सूत्रों ने बताया कि दूसरी सबसे बड़ी चुनौती असम से दूसरे राज्यों में लोगों के प्रवास की है।
एक अधिकारी ने कहा कि यदि आप एनआरसी ड्राफ्ट को देखेंगे तो पता चलेगा कि इसमें किसी विशेष समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया है, जैसे कि आरोप लगाए जा रहे हैं। यह पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष अभ्यास है। यह पूरी तरह से आवेदन बेस्ड कार्य है। यदि पर्याप्त दस्तावेजों के बिना आवेदन किया जाएगा तो वह रद्द हो जाएगा। यह देखे बिना कि वह शख्स कितना प्रसिद्ध है।