एक बार फिर सीबीआई के घेरे में आये लालू यादव, अब लगा ये नया आरोप

राजद अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव एक बार फिर सीबीआई के घेरे में हैं। बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव हमेशा ही घोटाले और धांधली के विवादों से घिरे रहे हैं। लालू पर अब आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहने के दौरान राजस्थान में 276 लोग बिना परीक्षा और इंटरव्यू के रेलवे में भर्ती हुए थे और इनमें से 111 लोग बिहार के थे। गौरतलब है कि साल 2004-2009 के बीच लालू रेल मंत्री थे। अब सीबीआई इन कथित अवैध भर्तियों की जांच कर रही है।एक बार फिर सीबीआई के घेरे में आये लालू यादव, अब लगा ये नया आरोप

सीबीआई ने उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन से इन 276 कर्मचारियों का पूरा ब्योरा मांगा है। संभावना है कि कर्मचारियों की पूरी पड़ताल के बाद लालू की भूमिका की भी जांची की जाएगी।

रेलवे महाप्रबंधक के पास जरूरत के अनुसार नियुक्तियां करने का अधिकार होता है। यह नियुक्तियां व्यवस्था बनाए रखने के लिए सब्सटिट्यूट के तौर पर की जाती हैं। 120 दिनों के नियमित प्रशिक्षण के बाद नियुक्त लोगों को अस्थायी कर्मचारी का दर्जा मिल जाता है। फिर स्क्रीनिंग के बाद बिना परीक्षा या इंटरव्यू के ही इन्हें स्थायी कर्मचारी बना दिया जाता है।

बता दें कि बीते दिनों लालू के कार्यकाल में हुई इन 276 नियुक्तियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी। सीबीआई ने इसके आधार पर जांच शुरू किया जिसमें पता चला कि उपयुक्त कर्मचारियों को जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और अजमेर मंडल में नियुक्त किया गया था। अब उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन की कार्मिक अधिकारी डॉ. हिना अरोड़ा ने चारों मंडल रेल प्रबंधक से उन कर्मचारियों के मौजूदा पोस्टिंग की सूची मांगी है। यह जानकारियां सीबीआई की जांच के लिए मांगी गई हैं।

इन नियुक्तियों में सबसे खास बात यह है की नियुक्त कर्मचारियों में से 111 लोग बिहार के हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के 16, दिल्ली के 11, हरियाणा के 9, राजस्थान के 116 और अन्य राज्यों के 13 लोग शामिल हैं। इसके अलावा 2007-08 में भी ऐसे ही 130 लोगों की नियुक्ति की गई थी, जिनमें से 95 लोग केवल बिहार के थे। ऐसे में लालू यादव पर एक और खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है।

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