एक बार फिर पार्टी की कमान संभालेंगे लालू, लेकिन…

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की स्थापना के 22 वर्षों के इतिहास में लालू प्रसाद का 11वीं बार लगातार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। अंतर सिर्फ यह होगा कि इस बार वह रांची जेल से ही पार्टी की कमान संभालने की प्रक्रिया पूरी करने वाले हैं।

राजद में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का कोई प्रत्याशी जेल से ही नामांकन करेगा और निर्वाचन का सारा विधान भी पूरा करेगा। 

ताजपोशी की तैयारी पूरी कर ली गई है। मंगलवार को पटना स्थित राजद कार्यालय में लालू का हस्ताक्षर किया हुआ नामांकन पत्र भरा जाएगा। प्रस्तावकों के नाम तय कर लिए गए हैं। मौके पर लालू खुद मौजूद नहीं रहेंगे। उनके बदले नामांकन की औपचारिकता उनके करीबी विधायक भोला यादव पूरी कर सकते हैं। 

पांच जून 1997 में राजद के गठन के समय से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए प्रत्येक बार लालू प्रसाद को ही निर्विरोध चुना जाता रहा है। अभी तक किसी भी चुनाव में लालू के सामने किसी अन्य दावेदार ने पर्चा तक नहीं भरा है। इस बार भी सिर्फ एक ही नामांकन पत्र भरा जाएगा, जो लालू का होगा। उसी दिन शाम तक स्क्रूटनी कर ली जाएगी। उन्हें नाम वापसी का भी मौका मिलेगा और यह भी तय है कि लालू मैदान से हटने वाले नहीं हैं।

इस तरह 10 दिसंबर को राष्ट्रीय सहायक निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन को राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर लालू के नाम की ही घोषणा करनी पड़ेगी। जाहिर है, 11वीं बार भी लगातार लालू ही अपनी पार्टी के प्रमुख बन जाएंगे। हालांकि 10 दिसंबर को राष्ट्रीय परिषद के खुला अधिवेशन के पहले लालू की नई पारी की विधिवत घोषणा की जाएगी।

बिहार की शिक्षा व्यवस्था का निर्ममता से क़त्ल किया नीतीश सरकार ने: तेजस्वी यादव

क्या है नियम

जेल से पार्टी का चुनाव लडऩे की प्रक्रिया भी वही होगी, जो आम चुनावों में होती है। जेल प्रशासन से अनुमति लेकर प्रत्याशी अपना नामांकन कर सकता है। इसी विधान के तहत लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद ने अपने दल के प्रत्याशियों को सिंबल दिया था। अब खुद भी उसी नियम का फायदा उठाएंगे।

रांची सेंट्रल जेल के अधीक्षक का अग्रसारित किया हुआ नामांकन फॉर्म पटना पहुंच चुका है। लालू का कोई करीबी उसे ही जमा करके प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है। 

Back to top button