एक बार फिर उमड़ पड़ी अयोध्या, अपने आराध्य राम का राज्याभिषेक देख भावुक हुए लोग

त्रेतायुग के बाद बुधवार को अयोध्या निहाल हो रही थी। आसमान से हो रही पुष्पवर्षा, अनवरत शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच अमावस्या की पूर्व संध्या पर प्रतीक रूप में भगवान राम पुष्पक विमान की तरह सजे हेलीकॉप्टर से उतरे तो अयोध्या न सिर्फ विह्वृल हुई बल्कि इसके बाद सरयूतट पर जगमगाते असंख्य दीपों ने मानो त्रेता युग को जीवंत कर दिया। गुरु वशिष्ठ और मुनि विश्वामित्र इस अवसर पर भले ही नहीं थे लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक ने उनकी कमी को पूरा करते हुए अपनी सरकार के साथ भगवान का टीका करते हुए अगवानी की। भावुक योगी ने इस अवसर पर मंदिर का जिक्र तो नहीं किया लेकिन, यह जरूर कहा कि अयोध्या के लोगों का सपना पूरा होगा। उनकी भावनाओं का एक-एक करके सम्मान हो रहा है।एक बार फिर उमड़ पड़ी अयोध्या, अपने आराध्य राम का राज्याभिषेक देख भावुक हुए लोग

पूरी अयोध्या बुधवार सुबह से ही राम के राज्याभिषेक की तैयारियों में जुटी हुई थी। सड़कों पर रंगोली बनाती महिलाएं, तोरण द्वार सजाते पुरुष और दीपक जलाने की तैयारियों में जुटे परिवार। साकेत महाविद्यालय से राम के जीवन प्रसंग पर निकली झांकियों में मानों पूरा देश ही सिमट आया। हरियाणा के लोक नर्तक थे तो मध्य प्रदेश के भी कलाकार सड़कों पर नाचते-गाते दिखायी पड़े। उधर राम कथा पार्क पर जुटे हुजूम की निगाहें आसमान की ओर उठ जाती थी। साढ़े चार बजे हेलीकॉप्टर से नगरवासियों पर फूल बरसाए जाने के बाद जैसे ही भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान को मुख्यमंत्री मंच पर लाए, जय श्री राम के नारों से आकाश गूंज उठा। अपने आराध्य को देख सैकड़ों आंखें नम थीं और हाथ श्रद्धा से जुड़े हुए थे। योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार विकास के रास्ते राम राज्य लाना चाहती है और अयोध्या इसका मानक बनेगी। उन्होंने पूर्व सरकारों पर निशाना भी साधा और कहा कि भगवान राम आसुरी शक्तियों का विनाश करने के बाद ही रामराज्य लाये थे और यहां भी परिवारवाद, जातिवाद और संप्रदायवाद जैसी आसुरी शक्तियों का नाश हो चुका है। आसुरी शक्तियां बिजली देने में भेदभाव करती थीं। विकास में भेदभाव करती थीं।

सरयू का किनारा, सरकार और संतों की त्रिवेणी देख लोगों के बीच से मंदिर को लेकर आवाजें भी उठती रहीं, हालांकि योगी ने अयोध्या को विकास से ही जोड़े रखा। 133 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही उन्होंने कहा राम की यह नगरी पूरी दुनिया को मानवता का संदेश देती है लेकिन यहां की नकारात्मक तस्वीर ही प्रस्तुत की जाती रही। आज से अयोध्या को नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर ले जाने का अभियान शुरू हुआ है।यह अभियान चार चरणों तक चलेगा।

सरकार सभी धार्मिक नगरों और पुरातात्विक स्थलों को विकास से जोड़कर उत्तर प्रदेश को पर्यटन का सबसे बड़ा हब बनाएगी। साथ ही सुझाव भी दिया कि अगले साल से रामायण मेला को इस कार्यक्रम से जोड़ दिया जाए, जहां दुनिया के कई देशों की राम लीला हो। इससे पहले राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राम का चरित्र लोगों को मर्यादा की प्रेरणा देता है।

सायंकाल सरयू की धारा पौराणिक आख्यानों के आधुनिकता से संगम की भी साक्षी बनी। लेजर शो के जरिए राम के प्रसंग उभरे और फिर आसमान में आतिशबाजी की चकाचौंध में राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी ने सरयू के तट पर 21-21 दिए जलाकर आरती को नदियों की संस्कृति बचाने के अभियान से जोड़ा। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री महेश शर्मा, केजे अलफांसों, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, पर्यटन मंत्री डा. रीता बहुगुणा जोशी ने भी विचार रखे।योगी रात में राम कथा पार्क में हुई इंडोनेशियाई कलाकारों की राम लीला में भी शामिल हुए।

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राम का रूप पाकर रोमांचित

राम बने हेमंत कालरा, जानकी बनीं आंचल घई और लक्ष्मण बने विक्रांत मॉडलिंग पेश से जुड़े हैं। तीनों दिल्ली के रहने वाले हैं। हेमंत कालरा का कहना है कि राम का प्रतीक बनने का मौका मिलने से वह बहुत रोमांचित हैं। इस रोल के लिए अचानक ही मौका मिल गया। उनका कहना था कि भारतीय संस्कृति से जुड़े इन आदर्श रूपों को जीकर मेरे साथी आंचल और विक्रांत भी बहुत उत्साहित रहे।

 
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