एक दलित के शव को अपनी जमीन से होकर श्मशान घाट जाने से रोका…

तमिलनाडु के वेल्लोर में अगड़ी जाति के लोगों ने एक दलित के शव को अपनी जमीन से होकर श्मशान घाट के लिए ले जाने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद शव को श्मशान पहुंचाने के लिए एक नदी पर बने 20 फीट ऊंचे पुल से रस्सी से बांधकर नीचे लाना पड़ा. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया है. अब वेल्लोर पुलिस ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है.

वेल्लोर जिले के वानियाम्बड़ी में अगड़ी जाति के लोग रहते हैं जहां दलितों को उनकी जमीन पर चलने की इजाजत नहीं है. थिम्मामपेट्टी पुलिस स्टेशन के एक पुलिसवाले ने बताया कि यह घटना 17 अगस्त की है, लेकिन बुधवार को यह घटना उस समय चर्चा में आई जब एक वीडियो वायरल हो गया. यह वीडियो 3.46 मिनट लंबा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि ब्रिज के पास एक शव लटका हुआ है.

वेल्लोर में 46 साल के एक दलित एन कुप्पन की मौत हो गई थी. यहां पर दलितों के लिए अलग श्मशान है. तमिलनाडु में दलितों को आधिकारिक तौर पर आदि द्रविड़ार कहा जाता है.

पुलिस के अनुसार, हाल के दिनों में भारी बारिश के कारण नारायणपुरम आदि द्रविड़ार कॉलोनी के श्मशान घाट की स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए इन लोगों ने पालर नदी के करीब एक पुराने श्मशान घाट का इस्तेमाल किया.

हालांकि इस पुराने श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए इन लोगों को अगड़ी जाति के लोगों की खेती की जमीन से होकर जाना पड़ता. थिम्मामपेट्टी पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अफसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इन लोगों को अगड़ी जातियों ने शव ले जाने के लिए रास्ता नहीं दिया और उस पर बाढ़ लगा दी.

दूसरी ओर एन कुप्पन के एक रिश्तेदार ने कहा कि हम पुराना रास्ता का ही इस्तेमाल करना चाहते थे. उनका कहना था कि यह आम रास्ता है और हमारे पूर्वजों भी इसका इस्तेमाल करते आए थे. जब हमने रास्ता खोलने को कहा तो उन्होंने ऐसा करने मना कर दिया. उन्होंने कुछ दिन पहले ही इसकी घेराबंदी भी कर दी थी. जब उन्होंने घेरा नहीं हटाया तो हमें पुल से शव को उतारने को मजबूर होना पड़ा. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया.

पुलिस का कहना है कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मामला बुधवार की शाम को चर्चा में आया. पुलिस ने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सजा दी जाएगी.

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