एक ऐसी जगह जहां तीन महीने के लिए सुहागन होती हैं विधवा, वजह जानकर हो जाओगे हैरान…

भारतीय महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए न जाने भारतीय महिलाएं कितने ही तीज-त्यौहार मनाती हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है जहां हर साल महिलाएं तीन महीने के लिए विधवा हो जाती हैं।

यूपी के दवरिया का बेलवाड़ा जिले में हर साल तीन महीने का मातम मनाया जाता है। यहां की सुहागनें तीन महीनों तक कोई श्रृंगार नहीं करतीं और विधवाओं जैसा कष्टभरा जीवन जीतीं हैं। तीन महीनों तक एक अजीब सी खामोशी इस गांव में पसरी रहती है। हर तरफ मातम का माहौल छाया रहता है।

इस गांव में मातम, दुख हर साल मई से लेकर जुलाई तक अपना घर बसाने आ जाता है। महिलाएं दुख भरा जीवन जीती हैं अपने पति के मरने का गम मनाती हैं। लेकिन तीन महीने बाद यही गम खुशी में बदल जाता है, मातम जश्न में तबदील हो जाता है।

इस गांव के लगभग सभी मर्द पेड़ों से ताड़ी निकालने का कार्य करते हैं। ताड़ के पेड़ 50 फिट से भी ज्यादा ऊंचे होते हैं तथा एकदम सपाट होते हैं। इन पेडों पर चढकर ताड़ी निकालना बहुत जोखिम का कार्य होता है। जिसमें कई बार कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है।

जब यहां के मर्द इस काम के लिए बाहर निकलते हैं तो उनकी पत्नियां खुद को विधवा बना लेती हैं और विधवाओं जैसा जीवन व्यतीत करने लग जाती हैं। लेकिन अपने पतियों के वापिस आने पर उनका जोरदार स्वागत करती हैं और इसी के चलते पूरा गांव जश्न के माहौल में डूब जाता है।

Back to top button