उपेंद्र कुशवाहा को लगा बड़ा झटका, टूट गई रालोसपा, MLA-MLC ने फूंका बिगुल

पटना। आखिरकार उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी दो भागों में बंट गई है। पार्टी के दो विधायक और एक विधानपार्षद ने आज पटना में संवाददाता सम्मेलन कर खुद को असली रालोसपा बताया है। तीनों विधायकों और विधानपार्षदों ने पार्टी के चुनाव चिह्न पर भी दावा ठोंकने की बात कही है।

आज पटना में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर रालोसपा के दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान और विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने इस बात की घोषणा की और कहा कि उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति करते हैं और अब वो जहां जाना चाहें जाएं, हम एनडीए के साथ थे और एनडीए में ही रहेंगे।

बता दें कि रालोसपा के इन दोनों विधायकों ने उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने और लगातार एनडीए के खिलाफ बोलने से नाराज थे और कहा था कि हम एनडीए का ही हिस्सा रहेंगे। दोनों विधायक 27 नवंबर को बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में शामिल भी हुए थे, उसी वक्त से ये बात कही जा रही थी कि वो एनडीए के साथ ही रहेंगे, भले ही कुशवाहा ने एनडीए छोड़ दिया।

इससे पहले 10 नवंबर को इन्ही दोनों विधायकों के सीएम नीतीश कुमार से मिलने पर जदयू में भी जाने की भी बात कही जा रही थी। हालांकि दोनों विधायकों ने एनडीए में अपनी हो रही उपेक्षा का भी आरोप लगाया है। 

हालांकि एकमात्र सांसद रामकुमार शर्मा ने फिलहाल कुशवाहा के साथ रहने का संकेत दिया है, लेकिन  एक दिसंबर को RLSP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने भी कहा था कि कुशवाहा को एनडीए ने बहुत इज्जत दी है और उन्हें एनडीए में ही रहना चाहिए.

गौरतलब है कि 06 दिसंबर को मोतिहारी के खुले अधिवेशन में जिस तरह से उनकी पार्टी के सांसद रामकुमार शर्मा, दोनों विधायक, सुधांशु शेखर और ललन पासवान और रालोसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा की गैरमौजदूगी रही उस वक्त से ही ये टूट अवश्यंभावी लग रही थी.

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