उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर के क्रैश होने से, तीन की मौत

आपदा प्रभावित आराकोट न्याय पंचायत क्षेत्र के मोल्डी गांव में राहत सामग्री ड्रॉप कर वापस लौट रहा हेलीकाप्टर क्रैश हो गया। बागीचों से सेब की पेटियां मुख्य मार्ग तक सामान पहुंचाने के लिए लगाई गई ट्रॉली के तारों में हेलीकॉप्टर के उलझने से यह हादसा हुआ। इसमें सवार पायलट, को-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद समूचे आपदा प्रभावित इलाकों में फिलहाल हेली रेस्क्यू पर रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतक आश्रितों को 15-15 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। बता दें कि हादसे में मारे गए पायलट ने छह साल पहले केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 225 किलोमीटर दूर आराकोट इलाके में बीती रविवार तड़के बादल फटने से भारी तबाही मची थी। यहां 35 गांवों में मोटर और पैदल मार्गों के साथ ही पुल-पुलिया बह गई हैं। इसकी वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सोमवार से हेली रेस्क्यू चलाया जा रहा है। बुधवार दोपहर करीब पौने बारह बजे आराकोट से छह किलोमीटर दूर मोल्डी गांव में राशन व राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हैरिटेज कंपनी के हेलीकॉप्टर ने मोरी स्थित हेलीपैड से उड़ान भारी। 12 बजे हेलीकॉप्टर मोल्डी गांव में पहुंचा। वहां राशन व राहत सामग्री को छोड़कर वापस लौट रहा था, तभी हेलीकॉप्टर गांव के पास ही बागीचों से सेब की पेटियों को सड़क तक पहुंचाने के लिए लगाई गई ट्रॉली की तारों से उलझकर क्रैश हो गया। देखते ही देखते हेलीकॉप्टर में आग लग गई और वह बरसाती नाले से सटे जंगल में जा गिरा।

हेलीकॉप्टर में पायलट सहित तीन लोग सवार थे, तीनों की मौके पर ही मौत हुई। इनमें पायलट, को-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं। स्थानीय व्यक्ति भी एक निजी एविएशन कंपनी का मुलाजिम है, बताया गया कि वह रेस्क्यू टीम की मदद के लिए हेलीकॉप्टर में साथ गया था। आग लगने से तीनों के शव बुरी तरह झुलस गए थे। सूचना पर एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल) और आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) की टीम मौके पर पहुंची।

मोल्डी गांव में पहली बार गया था हेलीकॉप्टर 

करीब 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मोल्डी गांव में भी आपदा से काफी नुकसान हुआ है। इस गांव को जाने वाले सभी रास्ते टूटे हुए हैं। मंगलवार को कुछ कर्मचारियों को जंगल के रास्ते यहां मोल्डी गांव में भेजकर एक अस्थाई हेलीपैड बनवाया गया था। बुधवार को पहली बार इस गांव में हेलीकॉप्टर के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई गई थी।

हादसे में इनकी गई जान

  •  रिटायर्ड कर्नल रंजीव लाल (54) पुत्र चरनजीत लाल निवासी सुखदेव विहार, नई दिल्ली (पायलट)
  •  शैलेश कुमार सि‍ंह (34) पुत्र विश्वनाथ ङ्क्षसह निवासी रेलवे सिङ्क्षडग, अलीपुरी कोलकाता (को-पायलट)
  • राजपाल राणा (30) पुत्र विजय ङ्क्षसह राणा निवासी खरसाली, तहसील बड़कोट उत्तरकाशी (54)(स्थानीय व्यक्ति)

दूसरा फेरा था आज

दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को बुधवार को यह दूसरा फेरा था। मोल्डी से पहले इससे टिकोची गांव में राहत सामग्री पहुंचाई गई थी।

लापता की तलाश जारी

सीमांत जनपद उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांवों में बचाव एवं राहत कार्य जारी है। मलबे में दबे शवों के साथ ही लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। तकरीबन साढ़े तीन सौ कार्मिकों की 30 टीमें इसमें जुटी हुई हैं। अब तक 15 शव मिल चुके हैं, 20 से ज्यादा अभी लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि, शासन व प्रशासन लापता की संख्या 10 से 12 बता रहा है। तीन गांवों नगवारा, टिकोची और चिंवा में भी लापता लोगों की तलाश की गई। उत्तरकाशी के डीएम डा. आशीष चौहान और एसपी पंकज भट्ट सोमवार से ही आराकोट में कैंप किए हुए हैं।

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