इस मुस्लिम कलाकार ने राम मंदिर के लिए बनाई सोने की ऐसी चीज, हर कोई कर रहा है तारीफ

राजस्थान में उदयपुर के मुस्लिम सुक्ष्म कलाकार इकबाल सक्का ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए सोने की ईंट और भगवान राम की दो खड़ाऊ तैयार की है। इसके साथ ही मंदिर में बजने वाला घंटा भी उन्होंने सोने से तैयार किया है। ये तीनों कलाकृतियां वे राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट को भेंट करेंगे।

200 मिलीग्राम वजन की इन कलाकृतियों को उन्होंने खुद के खर्च से तैयार किया है। इकबाल सक्का का कहना है कि यदि भविष्य में अयोध्या में मस्जिद बनती है तो उसके लिए भी उन्होंने सोने की ईंट तैयार की है, जिस पर अल्लाह लिखा है। इसके साथ ही वजू के लिए लोटा भी वे तैयार कर रहे हैं। अपनी सुक्ष्म कला के लिए अब तक देश-विदेश के 65 पुरस्कार हासिल कर चुके इकबाल सक्का का कहना है कि वे हमेशा से ही साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखने के पक्ष में रहे है। नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए इकबाल सक्का का कहना है कि हिंदुस्तान में मुसलमानों को कोई दिक्कत नहीं है, हम सब यहां सुरक्षित हैं।

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विश्व की सबसे छोटी सोने की ईंट पर लिखा श्री राम

55 वर्षीय इकबाल सक्का ने 5 गुणा 3 मिलीमीटर आकार की सोने की ईंट तैयार की है। इस ईंट पर राम नाम अंकित है। इसे विश्व की सबसे छोटी सोने की ईंट होने का दावा करते हुए इकबाल सक्का ने कहा कि अयोध्या के संतों और उत्तरप्रदेश सरकार ने उन्हे राम मंदिर निर्माण में इस ईंट का उपयोग करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने राम लला के लिए दो खड़ाऊ भी तैयार की है। 3 गुणा 1 मिलीमीटर आकार की इन खड़ाऊ को बनाने में दो माह का समय लगाया। इसी तरह मंदिर में भेंट करने के लिए 5 मिलीमीटर लंबा घंटा भी इकबाल सक्का ने तैयार किया है। उनके द्वारा तैयार की गई सुक्ष्म कलाकृतियों को देखने के लिए लेंस का इस्तेमाल करना पड़ता है। ये इतनी सुक्ष्म है कि इन्हे खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कलाकृतियों का उपयोग राम मंदिर निर्माण के लिए को लेकर पत्र लिखा था । प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र का जवाब भी मिला है,जिसमें उनकी कारीगरी की सराहना की गई है । वे नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर के लिए भी भगवान कृष्ण की चारपाई और पंखी (हवा करने के लिए)तैयार कर चुके हैं।

अब तक 65 देश-विदेश के प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं इकबाल

उदयपुर शहर के खेरादीवाड़ा इलाके में रहने वाले इकबाल सक्का 8 गुणा 8 के कमरे में अपनी सुक्ष्म कलाकृतियों का निर्माण करते हैं । 16 साल की उम्र में अपने पिता ख्वाजा बख्श से सोने की सुक्ष्म कलाकारी के गुण लेने वाले इकबाल सक्का ने अब तक उन्हे देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। इनमें साल,1991 में सबसे लंबी सोने की जंजीर बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद साल 1993 में दुनिया की सबसे कम वजन की सोने की चेन बनाई तो इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।

साल 2004 में दुनिया की सबसे छोटी पतंग बनाने पर फिर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज किया गया। इसी साल सोने की चाय की सबसे छोटी केटली बनाने पर गिनजी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उन्हे स्थान मिला। साल 2009 में दुनिया की सबसे छोटी सोने की मोहर बनाई तो फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हुआ। दुनिया की सबसे छोटी पुस्तक बनाने पर साल 2012 में वे युनिक वलर्ड रिकॉर्ड होल्डर बने।

साल 2012 में सबसे कम वजन की चेन बनाने पर उनका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।साल, 2013 में सोने के सबसे छोटे 11 हवाई जहाज बनाकर वे वर्ल्ड अमेजिंग विश्व रिकॉर्ड होल्डर बने। साल 2013 में ही सोने का पानी का सबसे छोटा घड़ा और ग्लास बनाया तो उनका नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। साल, 2014 में उन्होंने उर्दू की गजल सोने के पत्ते पर लिखी और साल 2015 मे सोने की सबसे छोटी माचिस बनाई तो इन दोनों कलाकृतियों के लिए उन्हे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में स्थान मिला। इनके अलावा इकबाल सक्का को महाराणा मेवाड़ा फाउंडेशन, भारत सरकार के सांस्कृति मंत्रालय, मेवाड हीरा सम्मान, राजस्थान रत्न उपाधि और गणतंत्र दिवस पर जिला स्तरीय सम्मान मिल चुका है।

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