जैसे बच्चे इस बेंच पर बैठते हैं हो जाते है ‘बूढ़े’
2009 में वो जर्मनी में बीएमडब्लू को गुडबाय कहकर इटली के एक छोटे से गांव में रहने आ गए. डैनी मिट्जमैन बताते हैं कि उनके इस फ़ैसले ने गांव के लोगों के ज़िंदगी को प्रभावित किया है.
क्रिस बैंगल ने बीएमडब्लू की नौकरी करते हुए एक से बढ़कर एक कारों के डिजाइन पर काम किए हैं लेकिन वे चाहते थे कि वो सभी के लिए कुछ ना कुछ कर पाए और प्रकृति को लेकर भी कुछ अलग करें.
तभी उनके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों ना आम तौर पर पार्क में इस्तेमाल होने वाले बेंच से कुछ ज्यादा बड़े विशाल बेंच बनाए जाए. उन्होंने इसके लिए अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक बिग बेंच कम्यूनिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत की.
इस प्रोजेक्ट का मकसद सार्वजनिक जगहों पर विशाल रंगीन बेंच को स्थापित करना है जिसे लोग सांस थाम कर देखते रह जाए.
ये बेंच इतने बड़े होते हैं कि इस पर आप बैठे तो पैर नीचे की ओर झूलता रहें और किसी बच्चे की तरह महसूस करें.
इन बेंचों पर इतनी जगह होती है कि आप इसे दूसरों के साथ भी शेयर कर सकते हैं और दोस्तों और अजनबियों के साथ आराम से बैठकर बातचीत कर सकते हैं.
ऐसे 19 बेंच बैंगल की मुहिम के तहत उत्तर-पश्चिम इटली के पहाड़ी इलाकों में लगाए गए हैं. इन बेंचों के बारे में अख़बार में पढ़कर दूर-दूर से लोग इन्हें देखने आ रहे हैं.