इस बार रक्षाबंधन पर बना सुंदर संयोग, 20 साल बाद रक्षाबंधन के दिन नहीं हाेगा भद्रा तिथि का साया

इस बार भाई-बहन के पवित्र प्रेम के त्‍योहार रक्षाबंधन पर बहुत सुंदर संयोग बना है। यह पहला अवसर है जब रक्षाबंधन पर करीब 12 घंटे तक का शुभ मुहूर्त बनने जा रहा है। इस अवधि में बहनें किसी भी समय अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। यही नहीं, लंबे समय के बाद रक्षाबंधन के दिन भद्रा तिथि का साया नहीं रहेगा। यानि यह त्‍योहार इस बार भद्रा के दोष से मुक्‍त रहेगा।

पिछले करीब 20 वर्षों से रक्षाबंधन वाले दिन भद्रा का साया होने के चलते शुभ समय सीमित ही होता था। इस बार यह दोष नहीं होने से करीब 12 घंटे तक रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त होगा। यानि, बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र इस दौरान कभी भी बांध सकेंगी। बता दें कि देव गुरु बृहस्पति ने देवराज इंद्र की विजय के लिए उसकी पत्नी को रक्षा सूत्र बांधने को प्रेरित किया था। इस बार बृहस्पतिवार को ही रक्षाबंधन होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
एक साथ बनेंगे कई शुभ संयोग

रक्षाबंधन पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। धार्मिक परंपरा के मुताबिक भद्रा के साए में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस बार एक साथ कई शुभ संयोग बनने के कारण रक्षाबंधन पर पूरा दिन शुभ मुहूर्त रहेगा। श्री हरि दर्शन मंदिर के पुजारी पंडित प्रमोद शास्त्री बताते हैं कि रक्षाबंधन वाले दिन श्रावण नक्षत्र, सौभाग्य योग, सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश करना व चंद्रमा का मकर राशि में प्रवेश करना इससे बेहद खास बना रहा है।

ऐसे सजाएं भाई की कलाई पर राखी
श्री गोपी नाथ मंदिर के पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि राखी सजाते समय परंपरा का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए रेशमी वस्त्र में केसर, सरसों, चंदन, चावल व दुर्वा रखकर भगवान का पूजन करना चाहिए। इसके बाद भाई के दाएं हाथ पर राखी बांधें। साथ ही किसी मिष्ठान से भाई का मुंह मीठा करवाएं। इसके बाद भाई भी अपनी बहन को यथासंभव उपहार देकर इस पर्व की परंपरा पूरी करें।

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
पंडित नारायण शास्त्री बताते हैं कि 14 अगस्त को दिन में 2.47 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। 15 अगस्त को राहुकाल को छोड़कर किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। इसमें सुबह 5.50 बजे से लेकर शाम 6.01 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा।

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