इस ‘कातिल’ हसीना से थर-थर कांपता है ISIS सरगना बगदादी, जाने क्यों???

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के सरगना बगदादी से पूरी दुनिया खौफ खाती है. आलम ये है कि बगदादी के कई बार पकड़े जाने और मारे जाने की खबरें आ चुकी हैं. उसके लड़ाके क्रूर मौत देने के लिए कुख्यात हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बगदादी और उसकी सेना एक खूबसूरत हसीना से खौफ खाती है. जी हां, डेनमार्क की जोआन पलानी के नाम से बगदादी धर-धर कांपने लगता है. हालांकि, जोआन पलानी को उसके ही देश में आतंकवादी घोषित कर दिया गया है.

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 इस 'कातिल' हसीना से थर-थर कांपता है ISIS सरगना बगदादी, जाने क्यों???

आतंकियों के बीच जोआन पलानी के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इससे निजात पाने के लिए इन जल्लादों के सरगना यानी बग़दादी ने उसके सिर पर पूरे 1 मीलियन डॉलर यानी क़रीब 7 करोड़ रुपये का इनाम रख छोड़ा है. यहां तक की आईएसआईएस के आतंकी जोआना को पकड़कर सेक्स स्लेव बनाना चाहते हैं. लेकिन जोआन ने अपनी जान की परवाह किए बिना उसे जमकर लोहा लिया और एक-दो नहीं सैकड़ों आतंकियों को खत्म कर दिया.

कुर्दिश मूल की ज़ोआन यूरोपीय मुल्क डेनमार्क की रहनेवाली है. वहां वो अब से करीब डेढ़ साल पहले तक एक कॉलेज जानेवाली मामूली लड़की थी. लेकिन जब उसने सीरिया और इराक़ जैसे मुल्कों में आईएसआईएस की ज़्यादती की कहानियां सुनी तो उससे रहा नहीं गया. वो क़रीब डेढ़ साल पहले सीधे डेनमार्क से निकल कर इराक़ जा पहुंची. वहां फ़ौजी तालीम लेने के बाद वो कुर्दिश फाइटरों के साथ मिलकर आईएसआईएस के खिलाफ़ जंग में उतर गईं.

अपने मुल्क में चुकानी पड़ी कीमत

इसके बाद तो ज़ोआन पलानी नाम की इस लड़की ने ऐसा कोहराम मचाया कि आज भी उसका ख़ौफ़ आतंकवादियों का पीछा कर रहा है. उसने आमने-सामने की लड़ाई में सौ से ज़्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया. खिसियाकर बगदादी ने उसे मारनेवाले को 7 करोड़ रुपये इनाम देने का ऐलान कर दिया. लेकिन ये ज़ोआन की कहानी का सिर्फ़ एक पहलू है. दूसरा ये है कि आतंक के खिलाफ़ जंग छेड़ने की कीमत उसे अपने ही मुल्क में चुकानी पड़ रही है.

अपने किए का कोई मलाल नहीं

फिलहाल वो कोपेनहेगन की जेल में बंद है. उसके खिलाफ़ वहां की अदालत में मुकदमा भी चल रहा है. यदि उसका गुनाह साबित हो जाता है तो उसे दो साल तक की क़ैद भी हो सकती है. दरअसल, डेनमार्क का क़ानून अपने नागरिकों को देश से बाहर जाकर किसी से जंग लड़ने की इजाज़त नहीं देता, जबकि ज़ोआन ने कुछ ऐसा ही किया है. ये और बात है कि ज़ोआन अपनी जंग को ज्यादती के खिलाफ़ इंसानियत की जंग मानती है और उसे अपने किए का कोई मलाल नहीं है.

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