इससे पहले भी 6 बार तबाही मचा चुका हैं Coronavirus, हर बार कर जाता है दुनिया का ऐसा हाल..

कोरोनावायरस पिछली साल चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से फैलना शुरु हुआ. कुछ लोग इसे वुहान कोरोनावायरस भी बुला रहे हैं. लेकिन वुहान में पैदा नहीं हुआ. कोरोनावायरस की खोज 60 साल पहले ही की जा चुकी है. उसके बाद से इसने कई बार इंसानों पर हमला किया है. फोटो में दिख रहा है कोरोनावायरस का थ्रीडी मॉडल.

कोरोनावायरस की खोज 1960 के दशक में हो गई थी. तब इसे ब्रॉन्काइटिस वायरस कहते थे. यह वायरस तब मुर्गियों में मिला था. इसके बाद इससे ज्यादा खतरनाक पीढ़ी इंसानों की नाक और गले में खोजी गई. 

इंसानों की नाक और गले में कोरोनावायरस  के दो प्रकार मिले. इनका नाम है – ह्यूमन कोरोनावायरस 229ई और ह्यूमन कोरोनावायरस ओसी43 . ये दोनों ही वायरस बेहद खतरनाक हैं. सामान्य सर्दी जुकाम से शुरु होकर घातक निमोनिया तक का रूप ले लेते हैं.

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इसके बाद कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा खतरनाक रूप 2003 में सामने आया. इसे सार्स कहा गया. इस वायरस की वजह से दुनिया भर में 8096 लोग संक्रमित हुए थे. इनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी. 

साल 2004 में कोरोनावायरस  का नया रूप देखने को मिला. इसका नाम है ह्यूमन कोरोनावायरस एनएल63. ये वायरस नीदरलैंड्स के सात माह के बच्चे में मिला था. इसके बाद इस वायरस के संक्रमण की खबर पूरी दुनिया से आई. लेकिन इससे किसी के मरने की खबरें नहीं आई. 

वर्ष 2005 में कोरोनावायरस का अलग रूप आया. जिसका नाम था ह्यूमन कोरोनावायरस एचकेयू1 . इस वायरस का पहला पेशेंट था चीन के शेंनझेन का 70 वर्षीय आदमी. इसे बाइलेटरल निमोनिया हुआ था. इस वायरस के 10 शिकार ऑस्ट्रेलिया में मिले. लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई. 

2012 में कोरोनावायरस ने मध्यपूर्वी एशिया में हमला किया. इसे सबसे पहले खोजा गया था सउदी अरब में. इसका नाम था मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस . 2015 में यह वायरस फिर फैला. तब इसने सउदी अरब, जॉर्डन, कतर, मिस्र, यूएई, कुवैत, तुर्की, ओमान, अल्जीरिया, बांग्लादेश, ऑस्ट्रिया, यूके, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, चीन और इंडोनेशिया में लोगों को संक्रमित किया. इसकी वजह से कुल 186 लोग बीमार पड़े और 38 लोगों की मौत हुई. 

वुहान कोरोनावायरस के लक्षण हैं – बुखार, सर दर्द, गले में जलन, छाती में दर्द, खांसी, तेज धड़कन, सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया. अंत में इससे पीड़ित व्यक्ति की किडनी फेल हो जाती है. इससे उसकी मौत हो जाती है. 

वुहान कोरोनावायरस की वैक्सीन बनने में अभी करीब दो महीने लगेंगे. लेकिन तबतक इससे बचने के तरीके हैं – हाथ साफ रखें, नाक-मुंह को ढंक कर रखें, पीड़ित व्यक्ति के करीब न जाएं, पूरी तरह से पका हुआ खाना खाए और चेहरे पर मास्क लगाएं.

 

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