कन्या :
चतुर्थ एवं सप्तमेश गुरु का तृतीय स्थान मे होना तथा उदित होकर पर उसका मजबूत होना, संबंधों में कटुता का सूचक है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है तथा माता एवं बहन से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विपरीत लिंगी संबंधों में आकर्षण बिना वजह की तनाव में वृद्धि कर सकता है। भावनाओं पर संयम रखें। अनावश्यक व्यय पर नियंत्रण करें।
उपाय: दाल, गेहूं, हल्दी, वस्त्र एवं वस्त्र का प्रत्येक बृहस्पतिवार को किसी ब्राह्मण को दान करने का प्रयास करें और दक्षिणा दें।
तुला:
नकारात्मक विचारों को मन पर हावी न होने दें। तृतीय एवं षष्ठेश गुरु की प्रबलता थोड़ा सा वातावरण में तनाव का सूचक है। कुछ भावनात्मक एवं पारिवारिक मुद्दे परेशान कर सकते हैं। अनावश्यक व्यय से भी मन परेशान होगा। जीवनसाथी से कुछ मुद्दों पर वैचारिक मतभेद की आशंका जरूर है, परंतु शनि आपके लिए काफी लाभकारी है और हर स्थिति से संभालने में सहायक होगा। आवेश में न आएं और हर बात सबके सामने न बयां करें।
उपाय: प्रत्येक बृहस्पतिवार को बरगद के वृक्ष के नीचे 5 दीपक जलाएं। नित्य भगवान विष्णु की आराधना करें और केले का भोग लगाएं। प्रसाद स्वरूप स्वयं खाएं और औरों को भी खिलाएं।
वृश्चिक:
राशि में उदित गुरु उत्साह में वृद्धि करेगा। साथ ही साथ स्वास्थ्य में भी लाभ देगा। मन को अध्यात्मिक और धार्मिक विचारों से भी प्रभावित करेगा। घर में मांगलिक कार्यों को संपन्न कराने में भी सहयोग करेगा। विद्यार्थियों के लिए काफी लाभकारी साबित होगा। दिसंबर माह में थोड़ा सा जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद की आशंका है अतः छोटी-छोटी बातों को बहस का मुद्दा ना बनने दें।
उपाय: आपके लिए शिव आराधना तो काफी शुभ है लेकिन यदि साथ में विष्णु भगवान का कोई श्लोक भी पढ़ लें तो अति उत्तम होगा। साथ में दूध में हल्दी मिलाकर के पीने से आपके अंदर उत्साह का संचार होगा।
धनु:
राशि का स्वामी गुरु का उदित होना आपके लिए काफी लाभकारी होगा। विशेषकर स्वास्थ्य लाभ एवं रोजगार के लिए काफी सहायक साबित होगा। अध्यापन, मीडिया तथा लेखन से जुड़े व्यक्तियों के लिए काफी लाभकारी समय कहा जाएगा। द्वादशस्त गुरु का होना कुछ चिंताओं का भी सूचक होता है। कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को लेकर के आप चिंतित भी होंगे, परंतु आप उसे पूर्ण भी करेंगे।
उपाय : नित्य हल्दी, कुमकुम एवं चंदन को मिश्रित कर तिलक लगावें और तत्पश्चात बाहर निकलें। साथ में नित्य गायत्री मंत्र का जाप करें। आपके लिए काफी लाभकारी होगा।
मकर:
एकादश भाव में उदित गुरु थोड़ा सा कार्यों में अवरोधक हो सकता है। साथ ही आय में रूकावट बन सकता है, परंतु घर परिवार के सहयोग से स्थिति समान्य होगी। परिवार में किसी बुजुर्ग या माता के स्वास्थ्य को लेकर मन परेशान होगा। भविष्य को लेकर कुछ चिंताएं आपके मन में घर करेंगी। किसी प्रणय संबंध को लेकर के मन दुविधा ग्रस्त होगा। भावनाओं पर नियंत्रण रखने की चेष्टा करें।
उपाय : बृहस्पतिवार को पीली वस्तुओं का दान करें। और प्रत्येक पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने की चेष्टा करें।
कुंभ:
जिम्मेदारियों एवं कार्य क्षेत्र में कठिनाइयां के मध्य आप का संघर्ष काबिले तारीफ है। दशम घर में उदित गुरु कुछ नए रास्ते बनाएगा, परंतु चापलूस लोगों से बच के रहना होगा। कुछ लोग आपको धोखा दे सकते हैं। कुछ पारिवारिक कठिनाइयां भी मन को दुखद करेंगे। जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता है। कुछ अनावश्यक खर्चों से भी मन परेशान होगा।
उपाय: नित्य विष्णु आराधना करें। साथ में पांच फलों का भोग लगाएं एवं घर में नियमित धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करें। विशेषकर प्रत्येक पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान के कथा-पूजन का आयोजन करें।
मीन:
भाग्य स्थान में बृहस्पति का उदित होना काफी लाभकारी दिख रहा है। कार्याे में व्यस्त करेगा। आय के मार्ग खुलेंगे। साथ ही साथ मन को भी धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों से प्रभावित करेगा। आपके उत्साह में वृद्धि करेगा। थोड़ा सा जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है। वैसे जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। कुछ संतुलित ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है और आवेश में कोई निर्णय ना लें।
उपाय : गायत्री मंत्र का जाप करें। एक रुद्राक्ष की माला धारण करें। हल्दी, कुमकुम व चंदन का तिलक लगाकर घर से बाहर निकलें।