इन शत्रु संपत्तियों को ई-प्लेटफॉर्म के जरिए नीलाम किया जाएगा..

भारत सरकार सभी शत्रु संपत्तियों से निपटने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। इसके लिए सरकार ने 20 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इन शत्रु संपत्तियों को ई-प्लेटफॉर्म के जरिए नीलाम किया जाएगा।

 केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा छोड़ी गई अचल संपत्तियों को बेदखल करने और बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश में कुल 12,611 प्रतिष्ठान को शत्रुओं की संपत्ति माना जाता है, जिनकी कीमत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। यह सभी संपत्तियां भारत के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक (सीईपीआई) में निहित हैं।

शत्रु संपत्तियों के निपटारे के लिए सरकार ने किए बदलाव

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, शत्रु संपत्तियों के निपटान के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव किया गया है, जिसके तहत संपत्तियों की बिक्री से पहले संबंधित जिला मजिस्ट्रेट या उपायुक्त की मदद से इनको खाली करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

1 करोड़ रुपये से कम मूल्य की शत्रु संपत्ति के मामले में, संरक्षक पहले रहने वाले को खरीदने की पेशकश करेगा और यदि कब्जा करने वाले इसे खरीदने से मना करते हैं, तो शत्रु संपत्ति को दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार निपटाया जाएगा।

1 करोड़ से कम कीमत वाले संपत्तियों की होगी नीलामी

जिन शत्रु संपत्तियों का मूल्यांकन एक करोड़ रुपये और 100 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें सीईपीआई द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से या जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई शत्रु संपत्ति निपटान समिति द्वारा निर्धारित दर पर बेचा जाएगा।

सार्वजनिक उद्यम के ई-नीलामी प्लेटफॉर्म का होगा इस्तेमाल

गृह मंत्रालय ने कहा कि शत्रु संपत्तियों की ई-नीलामी के लिए सीईपीआई द्वारा सार्वजनिक उद्यम के ई-नीलामी प्लेटफॉर्म ‘मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड’ का इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने शत्रु संपत्तियों के निपटारे से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है, इसमें ज्यादातर चल संपत्तियां जैसे शेयर और सोना है। सरकार द्वारा अब तक 12,611 अचल शत्रु संपत्ति में से किसी का भी मुद्रीकरण नहीं किया गया है।

20 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में सर्वेक्षण शुरू

गृह मंत्रालय ने पहले ही 20 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में फैली शत्रु संपत्तियों का राष्ट्रीय सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य ऐसी सभी संपत्तियों की पहचान करना और बाद में उनका मुद्रीकरण करना है। रक्षा संपदा महानिदेशालय (डीजीडीई) द्वारा अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय सर्वेक्षण सीईपीआई द्वारा पहचानी गई शत्रु संपत्तियों की वर्तमान स्थिति और मूल्य का आकलन करेगा।

सीईपीआई ने जारी किया डाटा

सरकार ने शत्रु संपत्तियों के मुद्रीकरण की निगरानी के लिए 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक समूह (GoM) का गठन किया। CEPI के पास निहित 12,611 संपत्तियों में से कुल 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित थीं और 126 चीनी नागरिकों से संबंधित थीं।

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक शत्रु संपत्ति

सबसे अधिक शत्रु संपत्तियां उत्तर प्रदेश में पाई गई हैं, यहां इन संपत्तियों की कुल संख्या 6,255 है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 4,088 संपत्तियां, दिल्ली में 659, गोवा में 295, महाराष्ट्र में 208, तेलंगाना में 158, गुजरात में 151, त्रिपुरा में 105, बिहार में 94, मध्य प्रदेश में 94, छत्तीसगढ़ में 78 और हरियाणा में कुल 71 शत्रु संपत्तियां हैं।

इसके अलावा केरल में 71, उत्तराखंड में 69, तमिलनाडु में 67, मेघालय में 57, असम में 29, कर्नाटक में 24, राजस्थान में 22, झारखंड में 10, दमन और दीव में चार और आंध्र प्रदेश तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक-एक शत्रु संपत्तियां हैं।

Back to top button