इन योगासन से ब्लड शुगर पर लगेगा लगाम…

अक्सर लोगों का कहना होता है कि वो इतनी मेहनत करते हैं फिर भी वो शारिरीक परेशानियों और बीमारियों की चपेट में आ ही जाते हैं। इस अनियमित जीवनशैली में लोगों को इतना वक्त नहीं की वो अपने खानपान को दुरुस्त रखें और यही नतीजा है कि ब्लड शुगर जैसी गंभीर बिमारियों के शिकार आसानी से हो जाते है। लेकिन इन बीमारियों से लोगों को डरने या घबराने की जरुरत नहीं है। क्योंकि योगासन से भी इस बीमारी को काबू किया जा सकता है।yogasna

ब्लड शुगर से जूझ रहे लोगों की बढ़ती तादात को देखते हुए वैज्ञानिक भी इस रोग से लड़ने की नई तकनीकों पर विचार कर रहे हैं। अगर आप ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं तो नियमित योगासन एक हथियार के तौर पर असरदार साबित हो सकता है। क्योंकि डायबिटीज में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए दवाओं के अलावा शारीरिक सक्रियता भी जरूरी है ताकि पेन्क्रियाज की सेहत सही रहे। ऐसे में ये योगासन से  पाचनक्षमता व मांसपेशियों को मजबूती मिलती है जो शरीर के इंसुलिन का काम करती है। 

कौन -कौन से योगासन जरुरी हैं

सुप्तबद्धकोणासन:

चटाई पर बैठकर गोल तकिए को सीधा कर उसपर कमर टिकाएं। घुटनों से मोड़ते हुए पैरों के तलवों को एक-दूसरे से मिलाएं। एक बेल्ट को कमर के पीछे से लेते हुए आगे लाएं और पंजों को इस तरह बांधें कि तलवे आपस में मिल जाएं। तकिए पर चादर रखकर गर्दन-सिर को सपोर्ट दें। फिर दोनों हथेलियां ऊपर की ओर रखते हुए दाएं-बाएं फैलाएं। ऐसे ही 10 से 15 सेकंड इस स्थिति में रुककर अपने पुरानी अवस्था में आ जाएं।

मत्स्यासन:

मत्स्यासन को करने के लिए सबसे पहले गोल व लंबे तकिए को रीढ़ की हड्डी की उल्टी दिशा में रखें। इसके बाद दंडासन की मुद्रा में बैठकर कमर के बल पीछे झुकें। फिर इस दौरान कमर को तकिए पर टिका लें और दोनों हाथों को पीछे ले जाने के साथ हथेलियों को आपस में मिला लें। फिर पैरों को घुटने से मोड़ें व तलवों को आपस में मिलने दें। इस आसान में  बैलेंस बनाना जरुरी होता है इसलिए प्रारंभिक अवस्था में आने के लिए कोई जल्दबाजी दिखाएं।

मेरूदंडासन:

इस आसान को करने के लिए सबसे पहले एक कुर्सी पर बैठकर घुटनों के बीच गोल-लंबा तकिया रखें। ध्यान रहे कि तकिया जमीन से 3 इंच ऊपर हो व कूल्हे का जोड़, घुटना और टखना एक सीध में हो। गहरी-लंबी सांस लें व छोड़ते समय एक के बाद एक पहले सीने फिर पेट, कंधे व गर्दन को दाईं ओर लेकर जाएं और दोबारा सांस लेकर छोड़ते समय पुन: वाली स्थिति में आएं। ऐसा बाईं तरफ भी दोहराएं।

इन योगासन में किन बातों का ध्यान देना अहम होता है

जिनकी कुछ समय पहले घुटना, कूल्हा, कंधा या पेट से जुड़ी सर्जरी हुई हो या जो महिला गर्भ से हो बिना डॉक्टरी सलाह लिए ना करें।

हाई ब्लड प्रेशर और  रीढ़ की हड्डी से परेशान लोग इस आसन का अभ्यास बिलकुल भी नहीं करें।

इन सबके अलावा जिनकी हाल ही में किसी भी तरह की मेडिकल सर्जरी या किसी तरह की कोई बीमारी हो वो इंसान अपने घरेलू डॉक्टर से सलाह के बाद ही इन योगासनों को कर सकता है।

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