इन तीनों राज्यों के साथ दिल्ली और J&K के भी कराए जा सकते है विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने हैं. इन तीनों राज्यों के साथ दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने तीन राज्य के साथ-साथ दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को पत्र लिखकर मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी के गठन करने को कहा है.

आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू करने के लिए राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को निर्देश दिया है. शुरुआती कदम तो चुनाव प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों का ही होता है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने पांचों राज्य को मतदाता सूची तैयार करने के लिए कहा है.

सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग में हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड के साथ-साथ दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के लिए मंथन चल रहा है. इस संबंध में चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के सरकारों को चिट्ठी लिखकर जरूरी जानकारियां मांगी हैं.

हरियाणा व दिल्ली दोनों राज्यों की सीमाएं आपस में सटी हुई हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव की चुनाव आयोग ने तैयारी भी शुरू कर दी है. ऐसे में चुनाव आयोग दिल्ली के विधानसभा चुनाव कराने की दिशा में मंथन कर रहा है, ताकि दोनों राज्यों की सीमाएं बंद नहीं करनी पड़ेगी. हालांकि दिल्ली में फरवरी 2015 में सरकार का गठन हुआ था. इस तरह से दिल्ली में सरकार का कार्यकाल पूरा होने में अभी सात महीने का समय बचा हुआ है.

महाराष्ट्र में 288 सदस्यों वाली विधानसभा का अंतिम दिन 11 नवंबर है. ऐसे में विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में चार महीने से भी कम समय बचा है. इसलिए आयोग न मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है. पत्र में दोनों राज्यों को 31 अक्तूबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के लिहाज से ही चुनावी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

इन पांच राज्यों में होने हैं चुनाव

निर्वाचन आयोग को नवंबर से पहले हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव कराने हैं. इसके अलावा साल फरवरी 2020 तक जम्मू-कश्मीर और दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी सम्पन्न कराने हैं. हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में बीजेपी की सरकार है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने से पहले बीजेपी-पीडीपी की गठबंधन सरकार थी.

चुनाव आयोग ने अपनी चिट्ठी में हरियाणा और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और CEO को नियमित हिदायतें और एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही आयोग ने कहा है कि चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले किसी भी अधिकारी की तैनाती गृह जिले में न हो.

आयोग ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी जिले में अक्टूबर तक तीन से चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारी का फौरन तबादला कर दिया जाए. चुनाव या उपचुनाव के दौरान किसी जिले या ब्लॉक में तैनात रहे डीईओ, आरओ को भी हटाया जाए. चुनावी तैनाती का यह नियम पुलिस इंस्पेक्टरों और सब इंस्पेक्टरों पर भी लागू होगा.

इस कदम के बाद आयोग का दौरा, सीईओ और मुख्य सचिवों से मीटिंग का काम होगा. सुरक्षा और अन्य जरूरी तैयारियों का जायया लेने के साथ ही पर्यवेक्षकों की नियुक्तियां और फाइनल वोटर लिस्ट का प्रकाशन का काम होगा.

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