इटावा, कन्नौज, आजमगढ़ का रुतबा खत्म, अब अयोध्या, मथुरा व गोरखपुर VIP इलाके

मुलायम सिंह यादव की सरकार रही तो इटावा, कन्नौज वीआईपी जिले रहे। मायावती सत्ता में आईं तो नोएडा का रुतबा बढ़ गया। अखिलेश सरकार बनी तो इटावा के साथ कन्नौज, मैनपुरी और आजम खां का रामपुर खास हो गया।
इटावा, कन्नौज, आजमगढ़ का रुतबा खत्म, अब अयोध्या, मथुरा व गोरखपुर VIP इलाके
लोकसभा चुनाव में सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के साथ आजमगढ़ से भी चुनाव लड़ने पहुंच गए तो यह आम जिला भी सरकार की खास सूची में शामिल हो गया। योगी आदित्यनाथ सरकार पहला बजट लेकर आई तो अब तक वीआईपी माने जाने वाले जिले आम हो गए।

गोरखपुर, मथुरा, वाराणसी और अयोध्या जैसे आम माने जाने वाले जिले वीआईपी हो गए। इससे साफ है कि सिर्फ वीआईपी जिले ही नहीं बदले हैं, बल्कि इनकी परिभाषा भी बदल गई है। कोई जिला व्यक्ति के कारण तो कोई पार्टी के एजेंडे के कारण और कोई दोनों ही कारणों से वीआईपी बन गया है।

हालांकि भाजपा सरकार के पहले बजट में वीआईपी कल्चर खत्म करने की घोषणा की गई है लेकिन पूरी तरह ऐसा हो नहीं पाया। अयोध्या और मथुरा को एजेंडे के कारण तो वाराणसी को एजेंडे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते महत्व मिला है। जाहिर है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कारण गोरखपुर को अहमियत मिली।

योजनाओं के जरिए स्‍थानों को महत्व: एक पंथ कई काज

बजट में योजनाओं के जरिये स्थानों को महत्व देने के काम में एक पंथ कई काज वाली कहावत को चरितार्थ करने की कोशिश की गई है। स्वाभाविक रूप से अयोध्या (फैजाबाद) और मथुरा के लिए काम की घोषणा और इनके लिए धन की व्यवस्था करके सरकार ने एजेंडे पर प्रतिबद्धता का संदेश दिया है। वहीं, इन स्थानों का विकास कराकर यहां के लोगों को यह भरोसा दिलाने की भी कोशिश छिपी है कि इस सरकार के लिए उनका जिला वीआईपी है।

गोरखपुर
बजट में गोरखपुर को वाया इलाहाबाद लखनऊ से वायुसेवा से जोड़ने, गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के साथ रामगढ़ ताल के विस्तार व वाटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपये तथा गोरखपुर में आधुनिक प्रेक्षागृह के लिए 20 करोड़ दिए गए हैं। प्रतिवर्ष ‘लोक मल्हार’ कार्यक्रम का आयोजन और गोरखपुर के टेराकोटा क्लस्टर के संवर्धन की परियोजना शुरू करने का संकल्प भी बजट में व्यक्त किया गया है।

इसी के साथ पिपराइच में नई चीनी मिल की स्थापना के लिए 273.75 करोड़ रुपये, गन्ना शोध संस्थान की पुनर्स्थापना के लिए 5 करोड़, विकास भवन गोरखपुर के जीर्णोद्धार के लिए 3 करोड़ रुपये, स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेलकूद सुविधाओं के विस्तार को 3 करोड़ रुपये, हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना करने के साथ गोरखपुर में बन रहे एम्स की निर्बाध बिजली आपूर्ति को स्वतंत्र फीडर की स्थापना के लिए 36 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

गोरखपुर में जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र का उच्चीकरण होगा। गोरखपुर में संभागीय परिवहन आयुक्त कार्यालय के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

ये होगा वाराणसी व मथुरा-वृंदावन में

वाराणसी
वेद साइंस सेंटर की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपये, वाराणसी और आगरा के बीच वाया लखनऊ वायु सेवा शुरू करने की घोषणा, वाराणसी में सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने के लिए 200 करोड़ देकर तथा अवस्थापना सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की व्यवस्था करके सरकार ने इस जिले को खास महत्व दिया है।

वाराणसी में जिला उद्योग केंद्र और उद्यम प्रोत्साहन केंद्र का उच्चीकरण होगा। जिला न्यायालय के नवीन परिसर के लिए भूमि अर्जन को 250 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बौद्ध सर्किट का निर्माण और पर्यटन सुविधाओं की बढ़ोतरी की व्यवस्था की जाएगी।

मथुरा-वृंदावन
मथुरा में कृष्ण सर्किट, कृष्ण संग्रहालय, गीता शोध संस्थान की स्थापना के लिए 1 करोड़ रुपये तथा जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान को ग्रामीण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने को 5 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

वृंदावन में 5 राजकीय आश्रय सदनों की सुविधाओं में विस्तार के लिए 5 करोड़ , वृंदावन में नवीन वृद्धाश्रम के लिए 5 करोड़ तथा मथुरा के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान बजट में किया गया है।

अयोध्या के विकास के लिए ये हुई घोषणा

राम सर्किट व अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान है। घाटों के सुधार, निर्माण और सुंदरीकरण, भजन संध्या स्थल का निर्माण, नित्य रामलीला के मंचन को सहायता, सरयू आरती के लिए धन की व्यवस्था, रामायण कॉन्क्लेव शुरू करने की घोषणा व रामकथा संग्रहालय में संरक्षित गुमनामी बाबा से संबधित दस्तावेजों को डिजिटाइज करने के फैसले के साथ ही सावन झूला मेला विशिष्ट कार्यक्रम घोषित किया गया है।
 
Back to top button