इंदौर राज्य का पहला जिला, जहां आंगनवाड़ियां होंगीं ISO सर्टिफाइड
इंदौर.स्कूल की तर्ज पर आंगनवाड़ी केंद्रों की सूरत बदलने की कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। केंद्रों में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। रंगाई-पुताई के साथ मनमोहक चित्रकारी से सजाया जा रहा है। न केवल बच्चों की हाजिरी सुनिश्चित करने और उन्हें लुभाने के लिए यह किया जा रहा है, बल्कि अधिकारियों ने इसे आईएसओ सर्टिफिकेट दिलवाने की कवायद भी शुरू कर दी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शहर की आंगनवाड़ियों काे आईएसओ सर्टिफाइड करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शहर के सौ केंद्रों का चयन किया गया है। इनमें से कुछ का निरीक्षण भी हो चुका है।
संयुक्त संचालक राजेश मेहरा ने बताया यह प्रदेश का पहला जिला होगा जिसे आईएसओ मिल सकेगा। होली-चौकी, सुतारखेड़ी, चौरड़िया, हरसौला, हरसौला-4 और बरदरी के आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण हो गया है। निरीक्षण रिपोर्ट में इन केंद्रों को पास कर दिया गया है।
आईएसओ के लिए ये हैं मापदंड
– शासकीय भवन, बाल सुलभ शौचालय, रंगाई-पुताई, हैंड वर्क, वाटर फिल्टर, शू-रैक, खिड़की के परदे, बैठक व्यवस्था, डेकोरेशन, यूनिफॉर्म और नेम प्लेट।
– शासकीय भवन, बाल सुलभ शौचालय, रंगाई-पुताई, हैंड वर्क, वाटर फिल्टर, शू-रैक, खिड़की के परदे, बैठक व्यवस्था, डेकोरेशन, यूनिफॉर्म और नेम प्लेट।
एसएमएस से दी जाएगी जानकारी
विभागीय योजनाओं के संबंध में निर्देशों के बाद भी उनका पालन नहीं होता है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को जानकारी तक नहीं मिल पाती है, इसलिए विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाता। वर्तमान में पर्यवेक्षक तक एसएमएस से जानकारी भेजे जाने का प्रावधान था, लेकिन अब कार्यकर्ताओं को भी एसएमएस से सूचना दी जाएगी। इससे फायदा यह होगा कि कार्यकर्ता को तत्काल शासन के आदेशों का पता चल सकेगा।