भाजपा नेताओं की मांग, आशुतोष को भी जेल भिजवाएं केजरीवाल’

भाजपा ने आप नेताओं पर उनकी शैली में हमले करने शुरू किया है। आप नेता विभिन्न मसलों पर राजघाट की शरण लेते रहे है। अब भाजपा नेताओं ने उनकी भांति राजघाट पर जाना शुरू कर दिया है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा ने आप नेता आशुतोष द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों के विरोध में शनिवार शाम राजघाट पर मौन प्रार्थना की।भाजपा नेताओं की मांग, आशुतोष को भी जेल भिजवाएं केजरीवाल'
राजघाट पर प्रार्थना सभा की अगुवाई मोर्चा अध्यक्ष कमलजीत सहरावत ने की। इस दौरान महिला पदाधिकारियों, पार्षदों एवं कार्यकर्ताओं के अलावा दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, उपाध्यक्ष किरण चड्ढा, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष रमेश वाल्मीकि, मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर एवं युवा मोर्चा महामंत्री सुनील यादव भी प्रार्थना सभा में सम्मलित हुए।

भाजपा ‘केजरीवाल और उनके साथी किसी सिद्धांत को नहीं मानते’

इस मौके पर सतीश उपाध्याय ने कहा कि आप ने सभी हदें पार कर दी। अरविंद केजरीवाल और उनके साथी किसी सिद्धांत को नहीं मानते और व्यक्तियों को उपयोग कर छोड़ देने में विश्वास करते हैं। 

लेकिन आप नेता इस हद तक गिर जाएंगे यह किसी को पता नहीं था।  क्योंकि सभी महात्मा गांधी के नाम की शपथ लेते है लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए आप नेता ने उनको भी अपमानित कर दिया। 

कमलजीत सहरावत ने कहा कि हमने महात्मा गांधी से क्षमा प्रार्थना की और केजरीवाल सहित उनके दल के लिए सद्बुद्धि मांगी। उनका कहना है कि आज आम आदमी पार्टी में चल रहे घटनाक्रम के कारण राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने मांग की कि केजरीवाल अपनी पार्टी के सहयोगियों के महिला विरोधी बयानों के लिए उन पर कार्रवाई करें।

‘लेख लिखकर किया घिनौना सामाजिक अपराध’

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि आप नेता आशुतोष के लेख ने देश की सभी महिलाओं का सार्वजनिक रूप से अपमान किया है। उन्होंने लेख लिखकर घिनौना सामाजिक अपराध किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आशुतोष के खिलाफ स्वयं पुलिस में मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भिजवाएं और उन्हें पार्टी से बर्खास्त करें।

उन्होंने कहा कि लेख के बाद आशुतोष का आम आदमी पार्टी एवं सार्वजनिक जीवन में बने रहना नैतिक, सामाजिक और कानूनी अपराध है। आशुतोष ने संदीप के व्यभिचार को सही ठहराते हुए उनकी तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से की थी। 

इतना ही नहीं, उन्होंने कहा था कि संदीप को यह कार्य पर्दे में करना चाहिए था। उन्होंने अपने लेख में समलैंगिक संबंधों को भी जायज ठहराते हुए अपरोक्ष रूप से भारत के युवकों को यह गंदी प्रेरणा दी थी कि वे शराबखोरी, नशाखोरी, जिस्मखोरी करें। इसमें कोई बुराई नहीं है।

 
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