आप को बाय-बाय कर घर वापसी करेंगी अलका लांबा या भाजपा में होंगी शामिल

लोकसभा चुनाव-2019 में मिली करारी हार पर मंथन के लिए पंजाबी बाग में आयोजित आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के कार्यकर्ता सम्मेलन से इतर पार्टी की एक और विधायक ने बगावत का एलान कर दिया है। पिछले कुछ माह से पार्टी में उपेक्षित चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा ने कहा कि वह अगले वर्ष (2020) तक पार्टी से नाता तोड़ लेंगी। अगले वर्ष ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है, जिसमें AAP द्वारा अलका को टिकट देने की संभावना न के बराबर है हालांकि, अलका ने यह नहीं बताया कि आम आदमी पार्टी को त्यागने के बाद वह किस पार्टी में जाएंगी।

उधर, राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि वह कांग्रेस पार्टी का रुख कर सकती हैं। AAP से पहले वह कांग्रेस पार्टी में ही थीं। वहीं, पूर्व में उन्होंने बताया था कि भाजपा के कुछ नेता भी उनसे संपर्क में थे। पिछले कुछ माह से पार्टी और अलका के संबंध ठीक नहीं चल रहे थे। इस कारण वह लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार से भी दूर थीं।

चुनाव खत्म होने के बाद यह तल्खी तब और बढ़ गई जब उन्हें शनिवार को पार्टी विधायकों के वाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया, हालांकि एक ट्वीट में एडमिन दिलीप पांडे का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि उनका कोई कसूर नही है, उनसे तो बस हटवाया गया है। वह तो एक शानदार व्यक्तित्व के आदमी हैं, मेहनती और ईमानदार हैं। रविवार सुबह अलका ने कई ट्वीट किए।

एक भावुक ट्वीट में उन्होंने कहा कि 2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफर 2020 में समाप्त हो जाएगा। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के समर्पित क्रांतिकारी जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेंगी। AAP के साथ पिछले 6 साल यादगार रहेंगे। आप से बहुत कुछ सीखने को मिला। आभार। वहीं, बगावती अंदाज में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने AAP मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से राष्ट्रीय संयोजक का पद संजय सिंह को सौंपने की पैरोकारी की।

उन्होंने कहा, मैं पार्टी के भीतर नही हूं, इसलिए पार्टी के बाहर से ही एक शुभचिंतक की तरह सुझाव देती रहूंगी, मानो-न मानो आप की मर्जी। अगर दिल्ली जीतनी है तो अरविंद जी को दिल्ली पर फोकस करना चाहिए और संविधान के मुताबिक, पार्टी संयोजक का पद संजय सिंह जी को सौंप देना चाहिए, संगठन का अनुभव भी है।

केजरीवाल को हार का जिम्मेदार ठहराते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा- दिल्ली में 12 मई को वोट पड़ने थे, वोटिंग से कुछ दिन पहले विधायक चाह कर भी पूरी तरह से चुनावों पर ध्यान नही दे पा रहे थे। क्योंकि उनके इलाके में पानी को लेकर लोगों ने उन्हें घेरा हुआ था। जल मंत्रालय सीएम के पास है पर उनके पास समय नहीं है। कुछ विधायकों ने इसे भी हार का एक कारण बताया।

एक अन्य ट्वीट में आप के विधायकों की बेबसी बताते हुए उन्होंने कहा, ग्रुप में जब आप विधायकों के संदेश पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि बेचारों की अंदर सुनी नही जाती, बाहर बोल नही सकते, बस घुट रहे हैं। दिल्ली दोबारा जीतनी है तो अपनी मत सुनाइए, विधायकों और कार्यकर्ताओं की सुनिए। उम्मीद है कि आज के सम्मेलन में बिना डरे विधायक और कार्यकर्ता बोल पाएंगे।

Back to top button