आध्यात्मिक शिक्षा से बच्चों में होता है बुद्धिमत्ता व ज्ञान का विकास -डा. भारती गाँधी

सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका एवं बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि विश्व एकता का आधार ज्ञान, बुद्धिमत्ता, आध्यात्मिक सोच व सशक्त अभिव्यक्ति है। यदि हम बालक को प्रारम्भ से ही आध्यात्मिक ज्ञान देंगे तो स्वतः ही उसमें वे मानवीय गुण उत्पन्न होंगे जिससे उसकी बुद्धिमत्ता व ज्ञान में वृद्धि होगी। वह सही और गलत में भेदभाव कर सकेगा और अपने जीवन में सही निर्णय ले सकेगा। उन्होंने कहा कि बालक में सद्विचार के बीज बोने के उपरान्त उन्हें प्रेम व स्नेह से सींचकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करना भी सिखाना चाहिए। इससे पहले, सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों ने सुमधुर भजनों की श्रंृखला प्रस्तुत कर सम्पूर्ण आडिटोरियम को आध्यात्मिक आलोक से प्रकाशित कर दिया तथापि उपस्थित सत्संग प्रेमियों को सुखद अनुभूति करायी।

विश्व एकता सत्संग में आज सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड कैम्पस के छात्रों ने एक से बढ़कर एक शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्दधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रार्थना गीत से हुई एवं इसके पश्चात जहां एक ओर कक्षा 5 की छात्राओं ने प्रार्थना नृत्य ‘ये पत्तियां ये ठंडी हवा’ गीत पर सुन्दर नृत्य प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया तो वहीं दूसरी ओर लघु नाटिका ‘सैड मंकी’ का सुंदर मंचन कर सदैव ‘खुश’ रहने का संदेश दिया। इसके अलावा, छात्रों की माताओं द्वारा प्रस्तुत गीत ‘मीठी वाणी बोल रे मनवा’ एवं सद्विचार जैसे कार्यक्रमों ने भी उपस्थित जन-समुदाय को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर कई विद्वानों ने अपने सारगर्भित विचारों की गंगा प्रवाहित की। सत्संग के अंत में श्रीमती वंदना गौड़ ने सभी के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।

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