मोदी सरकार का बड़ा कदम: 2017 में ऐसे होंगे बैंकों से लेनदेन, नहीं होगी ऑनलाइन ठगी

नई दिल्ली: नए साल में बैंक का सारा लेनदेन व ऑनलाइन भुगतान आधार आधारित बायोमीट्रिक पहचान के जरिए होगा। शॉपिंग के वक्त क्रेडिट व डेबिट कार्ड से भुगतान के समय पिन के साथ बायोमीट्रिक डिवाइस पर अंगूठा लगाना होगा।

आरबीआई ने तमाम बैंकों को बायोमैट्रिक की यह व्यवस्था अनिवार्य तौर पर लागू करने को कहा है। दरअसल, कार्ड की क्लोनिंग व ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए आरबीआई ने यह कदम लिया है। 

हाल में रिजर्व बैंक ने एक समिति बनाई थी। समिति ने ही आधार नंबर के आधार पर बायोमीट्रिक पहचान के बाद लेन-देन पूरा होने का सुझाव रिपोर्ट में दिया था। आरबीआई ने कहा कि अब कोई भी ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से अपना आधार नंबर अपने खाते में लिंक कर सकता है।

रिजर्व बैंक ने बायोमीट्रिक पहचान के आधार पर लेन-देन करने के लिए बैंकों को 1 जनवरी तक का समय दिया था। मगर बैंकों की तैयारी पूरी न हो पाने के चलते सीमा को 30 जून तक बढ़ा दिया।

पीओएस मशीनें 30 जून तक लगेंगी

रिजर्व बैंक ने अगले साल 30 जून से पहले बैंकों को लेनदेन के लिए प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें लगाने को कहा है ताकि ग्राहक की बायोमीट्रिक पहचान के आधार पर लेन-देन किया जा सके। व्यवस्था को बेहतर तरीके से चलाने के लिए बैंकों को अपने नेटवर्क, मशीनों व लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है। 

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