आतंक और नशामुक्त जम्मू-कश्मीर हर नागरिक की जिम्मेदारी, बोले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

एलजी मनोज सिन्हा ने जम्मू में आयोजित प्रांतीय आर्य महासम्मेलन में कहा कि आतंक और नशामुक्त जम्मू-कश्मीर बनाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। वैदिक ज्ञान को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने और नई पीढ़ी को सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने पर जोर दिया।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू के बाबा जित्तो ऑडिटोरियम में प्रांतीय आर्य महासम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को आतंक और नशे से मुक्त बनाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

यह दो दिवसीय महासम्मेलन आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष और महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में आर्य प्रतिनिधि सभा जम्मू-कश्मीर की ओर से आयोजित किया गया। उपराज्यपाल ने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर की शांति और तरक्की के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सेना, पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों को नमन किया।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग आज भी आतंक की भाषा बोलते हैं, लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उनका विजन देश की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। आज का भारतीय समाज परंपरागत मूल्यों और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाकर आगे बढ़ रहा है, और यही भारत की असली पहचान है।

एलजी ने कहा कि आर्य महासम्मेलन नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और महर्षि दयानंद के आदर्शों से प्रेरित करने का माध्यम बनेगा। उपराज्यपाल ने कहा, वैदिक ज्ञान के पुनः प्रचार-प्रसार की जरूरत है। इसे स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह न केवल हमारी प्राचीन सभ्यता के मूल्यों और आदर्शों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाएगा, बल्कि विज्ञान, कला, मानविकी और गणित के क्षेत्र में हमारी समृद्ध विरासत से भी परिचय कराएगा।

महर्षि दयानंद के विचारों को आगे बढ़ाने वालों को किया सम्मानितउपराज्यपाल ने आर्य समाज से अपील की कि वह शांति, एकता और मानवता के कल्याण का संदेश समाज के हर कोने तक पहुंचाए। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद के विचार आज भी दुनिया में स्थायी शांति और स्थिरता ला सकते हैं।

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में महर्षि दयानंद के विचारों को आगे बढ़ाने वालों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में स्कास्ट के कुलपति प्रो. बीएन त्रिपाठी, आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष नरेंद्र त्रेहन, मप्र आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष प्रकाश आर्य, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महासचिव विनय आर्य, स्वामी देवरत्न सरस्वती, आचार्य नंदिता शास्त्री आदि उपस्थित रहे।

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