आतंकी मूसा की मौत के बाद से ही पूरी वादी में तनाव बना हुआ, विरोध में घाटी बंद

 आतंकी कमांडर जाकिर मूसा की मौत के बाद वादी में हड़ताल और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई प्रशासनिक पाबंदियों से शुक्रवार को सामान्य जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा। नूरपोरा में आतंकी मूसा के जनाजे में बारिश और प्रशासनिक पाबंदियों के बावजूद हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए। हालांकि प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट सेवा, बनिहाल-बारामुला रेल सेवा के अलावा सभी शिक्षण संस्थान भी बंद रखे।

आतंकी मूसा की मौत के बाद से ही पूरी वादी में तनाव बना हुआ था। विभिन्न इलाकों में हिंसक प्रदर्शन शुरु हो गए थे और बड़ी संख्या में लोग रात को ही आतंकी मूसा के घर पहुंचने लगे थे। हालात को देखते हुए प्रशासन ने पूरी वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही हिंसक प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए पुलिस व अर्द्धसैनिकबलों की तैनाती भी बढ़ा दी। इसके साथ ही कई जगह छापेमारी में शरारती तत्वों और सूचीबद्ध पत्थरबाजों को भी हिरासत में लिया गया।

सुबह से ही पूरी वादी में आतंकी की मौत के खिलाफ हड़ताल रही। इसकेअलावा प्रशासनिक पाबंदियों ने भी सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया। दक्षिण कश्मीर में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में जिला कपवाड़ा के त्रेहगाम तक सभी दुकानें और अन्य निजी प्रतिष्ठान बंद रहे। सभी स्कूल कालेज बंद रहे। कश्मीर विश्वविद्यालय और इस्लामिक यूनीवर्सिटी ने आज होने वाली सभी परीक्षाओं काे अगली सूचना तक स्थगित कर दिया। सड़कों पर सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही बंद रही। कहीं कहीं निजी वाहन जरूर नजर आए। बैंक भी बंद रहे।

त्राल की तरफ आने जाने वाले कई रास्तों के अलावा श्रीनगर में भी कई जगह सड़कों को आम आवाजाही के लिए बंद किया गया ।श्रीनगर के डाऊन-टाऊन, पुलवामा, त्राल, शोपियां और सोपोर में कई जगह प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर रखा है जबकि अन्यत्र धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई है। सनद रहे कि गत शाम त्राल के डाडसर इलाके में सुरक्षाबलों ने कश्मीर में अल-कायदा की नींव रखने वाले अंसार उल गजवात-ए-हिंद के कमांडर जाकिर मूसा को एक मुठभेड़ में मार गिराया। वह वर्ष 2013 से सक्रिय था। मूसा डाडसर गांव के बाहरी छोर पर बागों के बीच स्थित एक तिमंजिला मकान में छिपा हुआ था। मुठभेड़ में मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

आज शुक्रवार सुबह पुलिस ने आतंकी मूसा का शव आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसके परिजनों के हवाले कर दिया। आतंंकी मूसा को दोपहर को हजारों की तादाद में जमा हुए लोगों की मौजूदगी में दफनाया गया। उसकेजनाजे में अल-कायदा, मूसा मूसा के नारे भी खूब लगे।

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