आतंकी बनाने के लिए मदरसों का इस्तेमाल कर रही आईएसआईएस: वसीम रिजवी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने कहा है कि अगर जल्दी प्राथमिक मदरसे बंद न हुए, तो 15 साल बाद देश के  आधे से ज्यादा मुसलमान आईएसआईएस की विचारधारा का समर्थक हो जाएगा। क्योंकि पूरी दुनिया में यह देखा गया कोई भी मिशन चलाने के लिए बच्चों को निशाना बनाया जाता है। इस वक्त दुनिया में आईएसआईएस का एक खतरनाक आतंकी संगठन है। जो धीरे धीरे पूरी दुनिया में मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में अपनी पकड़ बना रही है।

UP Shia Waqf Board Chairman Waseem Rizvi writes to Prime Minister Narendra Modi asking him to shut madrasas across the country as ISIS ideology is being promoted there to influence the students. (pic 1- File pic of Wasim Rizvi) pic.twitter.com/uAyL1cVGxJ
— ANI UP (@ANINewsUP) January 22, 2019

मदरसे चंदे की लालच में हमारे बच्चों का भविष्य खराब करने का कर रहे हैं काम
कश्मीर में बहुत बड़ी तादाद में आईएसआईएस के समर्थक खुले तौर पर दिखाई दे रहे हैं। वसीम रिजवी ने कहा कि बहुत बड़े पैमाने पर मदरसे में इस्लामिक तामीर लेने वाले बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचा कर इस्लामिक शिक्षा के नाम पर उनको दूसरे धर्मों से काटा जा रहा है। सामान्य शिक्षा से दूर किया जा रहा है। वसीम रिजवी ने कहा कि हिंदुस्तान में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे प्राथमिक मदरसे चंदे की लालच में हमारे बच्चों का भविष्य खराब करने का काम कर रहे हैं। उनको सामान्य शिक्षा से दूर रख कर उन्हें इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथी सोच पैदा की जा रही है जो हमारे मुसलमान बच्चों के लिए घातक है और साथ ही देश के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए देश हित में और मुस्लिम बच्चों के अच्छे भविष्य के हित में मेरे द्वारा एक सुझाव प्रधानमंत्री को भेजा गया है कि हिंदुस्तान में चल रहे प्राथमिक मदरसों को बंद किया जाए।
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हाईस्कूल करने के बाद किए जाने के बाद ही मदरसों में प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए
उन्होंने कहा कि हाईस्कूल पास करने के बाद अगर बच्चा स्वंय धर्म प्रचार की तरफ जाना चाहता है तो वह मदरसे में दाखिला ले सकता है। अर्थात मदरसों में प्रवेश हाईस्कूल करने के बाद किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।  इससे यह फायदा होगा कि बच्चा स्कूल में सही तरीके से हाईस्कूल की सामान्य शिक्षा ग्रहण कर सकेगा। बचपन से लेकर हाई स्कूल तक हर वर्ग हर धर्म के बच्चों के साथ बैठकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने पर धर्म के लोगों को साथ मिलजुल कर रहने व हर धर्म को समझने का मौका भी मिलेगा। उसके बाद अगर वह मदरसों में प्रवेश लेकर धार्मिक प्रचार का रास्ता अपनाता है। तो मेरे विचार से बहुत जल्दी वह कट्टरपंथी मानसिकता ग्रहण नहीं कर सकेगा और खुद के फैसले से मदरसे में दाखिला ले सकेगा।

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