आतंकवाद का गढ़ माने जाने वाले अनंतनाग-पुलवामा संसदीय सीट पर टिकी हैं देशभर की निगाहें

जम्मू-कश्मीर में है कांटे का मुकाबला। दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग-पुलवामा संसदीय सीट पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं। यहां सुरक्षा कारणों से तीन चरणों में मतदान होना है। अनतंनाग- पुलवामा आतंकवाद का गढ़ माने जाते हैं।

कुल 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस से गुलाम अहमद मीर, नेशनल कांफ्रेंस से हसनैन मसूदी और भाजपा से सोफी युसूफ शामिल हैं। मुख्य मुकाबला पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच है। तीनों राष्ट्रीय मुद्दों सेल्फ रूल, स्वायत्तता, 370, 35ए को खूब उछाल रहे हैं। 2014 के संसदीय चुनाव में 28.84 फीसद मतदान हुआ था। इसमें पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कांफ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग को 65,417 मतों से हराया था। तब कांग्रेस ने उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा था। इस बार हालात अलग है।

इस बार कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष मीर को उम्मीदवार बनाया है जो कि काफी समय से इस संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। 2016 में महबूबा मुफ्ती के त्यागपत्र देने के बाद से खाली पड़ी है। इस सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी हुई थी, लेकिन मतदान से कुछ दिन पहले ही सुरक्षा कारणों से चुनाव रद कर दिए थे।

23 अप्रैल को अनंतनाग, 29 अप्रैल को कुलगाम और छह मई को शोपियां-पुलवामा में मतदान होगा। यहां कुल मतदाता 13,97,272 हैं। शनिवार को अनतंनाग में अद्र्धसैनिक बलों की 100 और कंपनियां पहुंच गई हैं। 80 कंपनियां अतिरिक्त तैनात करने की योजना है।

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