आजादी के 70 वर्ष बाद भी नहीं बन पाई सड़क, निजामकाल में थे 700 घर, रह गए सिर्फ 16

चंद्रपुर/मुंबई. आज भले ही देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है, पर आज भी देश में ऐसे कई दुर्गम क्षेत्र हैं जो विकास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आगामी 15 अगस्त को देश 70वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, लेकिन चंद्रपुर जिले के आदिवासी दुर्गम जिवती तहसील का पहाड़ी से सटा खड़की गांव, जहां कोलाम समाज रहता है, आज भी पिछड़ा हुआ है।
आजादी के 70 वर्ष बाद भी नहीं बन पाई सड़क, निजामकाल में थे 700 घर, रह गए सिर्फ 16
इस गांव में आज तक पक्की सड़क नहीं है। 15 अगस्त को यहां के ग्रामीणों ने मार्ग बनाने का निर्णय लिया है। निमाजकाल में इस गांव में 700 घर हुआ करते थे। अब वहां केवल 16 घर ही रह गए हैं, क्योंकि गांव का विकास नहीं होने से लोगों के गांव छोड़कर चले जाने की जानकारी है। आज भी यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच सकी हैं।

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उल्लेखनीय है कि गांव में सड़क नहीं होने से लोग पहाड़ी और नाले पार कर गांव में पहुंचते हैं। स्वतंत्रता के पहले से गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां एक भी कार्यालय नहीं है।
 
इस ग्राम पंचायत अंतर्गत रायपुर, कलीगुड़ा, काकबन, मारोतीगुड़ा, नगराला, लेंडीगुडा आदि गांवों से खड़की का संपर्क कट गया है। यहां की शाला भी छात्र संख्या कम होने से बंद होने की कगार पर है। आज भी खिड़की गांव में 42 किसानों के नाम पर खेत के पट्टे हैं। गांव की जमीन बंजर है। ग्रामीण जर्जर घरों में रहते हैं।
 
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