आखिर क्यों जेडीयू की बिरयानी पार्टी में नहीं पहुंचे मुस्लिम कार्यकर्ता…

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में आने के बाद से जनता दल (यूनाइटेड) अल्पसंख्यकों का समर्थन पाने के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन इसके बावजूद जेडीयू जिला स्तर की बैठकों में मुस्लिम समर्थकों का समर्थन पाने में नाकाम रही है। ऐसी ही एक बैठक गुरुवार को पटना में हुई। बिहार में करीब 17 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं।आखिर क्यों जेडीयू की बिरयानी पार्टी में नहीं पहुंचे मुस्लिम कार्यकर्ता...

हालांकि जेडीयू शीर्ष मुस्लिम नेताओं के साथ जुड़ी हुई है। जैसे अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम, राज्य सभा सांसद कहकशां परवीन, एमएलसी और पूर्व राज्य सभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी आदि। 

गुरुवार को पटना में आयोजित जेडीयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में 1500 लोगों को शामिल होना था। जिनके लिए 600 किलो बिरयानी भी बनवाई गई। मटन बिरयानी मेन्यू में शामिल करने का उद्देश्य था मुस्लिम मतदाताओं को रिझाना। लेकिन सम्मेलन में कुर्सियां खाली दिखाई दीं। मुस्लिम कार्यकर्ता भी नहीं पहुंचे।

पार्टी से जुड़े एक सूत्र का कहना है, “हमने मटन बिरयानी बनवाई ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित किया जा सके। पटना में सम्मेलन का आयोजन किया गया। हमें उम्मीद थी कि इसका नतीजा अच्छा रहेगा। अधिक संख्या में बची बिरयानी को फिर मजदूरों और बिन बुलाए लोगों के बीच बांट दिया गया।”

वहीं जेडीयू के महासचिव आरसीपी सिंह गुस्से में वहां से चले गए, जब वहां मौजूद लोगों में से किसी ने उन्हें कहा कि वह अपना भाषण बंद करें। उन्हें कहा गया, “बस हो गया अब।” इसके बाद कई लोग वहां से जाने के लिए अपनी कुर्सियों से उठ गए। हालांकि इसके बाद भी सिंह थोड़ी देर तक बोलते रहे। जिसके बाद खाना शुरू किया गया।

जानकारी के मुताबिक ये व्यवस्था अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद फिरोज अहमद की तरफ से की गई थी। वहीं सम्मेलन में मौजूद अन्य पार्टी के सूत्र का कहना है कि यातायात की ठीक से व्यवस्था न होने के कारण लोग नहीं पहुंच पाए।

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