आखिर क्यों आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है ‘कैलाश पर्वत’ पर ,रहस्य का सच उड़ा देगा आपके होश

कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि इस पर्वत पर भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं।जो भी इस पर्वत पर आकर उनके दर्शन कर लेता है उसका जीवन पूरी तरह से सफल हो जाता है। इस पावन स्थल पर हर साल लाखों श्रद्धालु मन में सिर्फ ये आस लिए आते हैं कि शिव के साक्षात दर्शन मात्र से उनके सारे कष्ट मिट जाएंगे।आखिर क्यों आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है ‘कैलाश पर्वत’ पर ,रहस्य का सच उड़ा देगा आपके होश

मानस और सरोवर का संगम है कैलाश पर्वत 

भगवान शिव का निवास स्थल ये कैलाश पर्वत खुद की तलहटी में कई राज़ छुपाये है। कैलाश पर्वत से जुड़े कई ऐसे विचित्र रहस्य हैं जिसे आज तक दुनिया का कोई भी इंसान पता नहीं लगा पाया है। कैलाश मानसरोवर का नाम संस्कृत भाषा के दो शब्दों ,मानस और सरोवर के संगम से मिलकर बना है।जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मन का… कैलाश पर्वत को पृथ्वी का केंद्र स्थल भी माना जाता है। चूँकि ये पर्वत मानसरोवर झील के नजदीक स्थित है इसलिए इसका नाम कैलाश मानसरोवर पड़ा है।

शिव से मिलने के लिए लांघनी पड़ती है चीन की दीवार 

समुद्र तट से लगभग 22068 फुट की ऊंचाई में बना कैलाश पर्वत हिमालय के उत्तरी दिशा में तिब्बत में स्थित है। चूंकि तिब्बत चीन की सीमा के अंतर्गत आता है अतः ये भी कहा जा सकता है कि भारत की आस्था का प्रतीक कैलाश मानसरोवर को पाने के लिए चीन की दीवार भी लांघना पड़ता है।

कैलाश पर साक्षात विराजते हैं शिव 

कैलाश मानसरोवर का एक और तिलिस्मी रहस्य भी है जिसके बारे में आज तक आप अनजान होंगे। क्या आपको पता है कि शिव के समीप ले जाने वाला ये पर्वत आज तक शिव की सच्चे भक्त की तलाश में है। जी हाँ आपने बिलकुल सही पढ़ा कैलाश मानसरोवर इतिहास रहा है कि कोई भी इंसान आज तक इस पर्वत की चोटी पर नहीं पहुंच पाया है। धार्मिक गुरु ये तक बताते हैं कि जो भी शिव के उस निवास स्थल तक पहुँच जाएगा उसे साक्षात शिव के दर्शन होंगे और वो शिव का सच्चा भक्त कहलायेगा।

शिव के चरणों तक भी कोई नहीं पहुंचा आज तक 

आज तक कोई भी इंसान कैलाश पर्वत की चोटी पर कभी नहीं पहुंचा। जो भी गया है या तो उसने अपनी ज़िन्दगी को खत्म कर लिया या फिर हार मन कर वापस लौट आया। शिव के निवास स्थल से पहले भी काफी खतरनाक और ऊँची-ऊँची चोटियां पड़ती हैं जहां तक कुछ लोग पहुँचने में सफल भी हुए मगर आज तक शिव के चरणों तक कोई नहीं पहुँच पाया है।

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