आइए जानते हैं लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र..

चैत्र मास में कई व्रत एवं त्योहार रखे जाते हैं। आज लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित लक्ष्मी पंचमी व्रत रखा जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास में यह व्रत आज यानि 25 मार्च 2023, शनिवार के दिन रखा जा रहा है। इस दिन को ‘श्री पंचमी; या ‘श्री व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ‘श्री’ मां लक्ष्मी के अनन्य नामों में से प्रमुख नाम है।

शास्त्रों में बताया गया है कि लक्ष्मी पंचमी के दिन माता लक्ष्मी की विधिवत उपासना करने से और उपवास रखने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक के जीवन में धन एवं ऐश्वर्य का आगमन होता है। जीवन में आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए लक्ष्मी पंचमी का दिन बहुत ही उपयोगी माना जाता है। आइए जानते हैं लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र।

लक्ष्मी पंचमी 2023 पूजा मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का शुभारंभ 25 मार्च 2023 को दोपहर 02 बजकर 53 मिनट पर होगा और इसका समापन 26 मार्च को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर हो जाएगा। इस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इया अवधि में भगवान की उपासना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

लक्ष्मी पंचमी 2023 पूजा विधि

  • सर्वप्रथम जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और साफ वस्त्र धारण करें। एक साफ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर, माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • इसके बाद, सबसे पहले भगवान गणेश व इष्ट देवी-देवताओं की उपासना करें और फिर माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  • पूजा के दौरान माता लक्ष्मी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं और उन्हें गंध, पुष्प, धूप, दीप, फल, चंदन, सुपारी, रोली और मोली अर्पित करें
  • पूजा के दौरान लक्ष्मी स्तोत्र और मंत्रों का पाठ करें। लक्ष्मी पंचमी कथा का पाठ या श्रवण भी करें। फिर दीप जलाकर माता लक्ष्मी की आरती करें और माता को मिठाई का भोग अर्पित करें।

लक्ष्मी पंचमी मंत्र

१- नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते ।

शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ।।

२- सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि ।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ।।

३- यज्ञविद्या महाविद्या गुह्यविद्या च शोभने ।

आत्मविद्या च देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी ।।

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