आइएलएंडएफएस घोटाला मामले में आज ईडी के सामने पेश होंगे राज ठाकरे….

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे आइएलएंडएफएस घोटाला मामले में आज ईडी के सामने पेश हो चुके हैं, उनसे इस मामले में पूछताछ की जा रही है। ज्ञात हो कि आज मनसे नेता संदीप देशपांडे को भी पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आइएलएफएस की ओर से कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी को दिए कर्ज और इंवेस्टमेंट की जांच कर रही है।

एमएनएस कार्यकर्ताओं के यहां बड़ी संख्या में जमा होने की आशंका और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

उद्धव ठाकरे ने किया समर्थन

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे का समर्थन किया, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से समन भेजा गया है। उद्धव से जब मीडियाकर्मियों द्वारा इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ईडी की जांच में कुछ भी सामने नहीं आएगा।

राज को ईडी ने कोहिनूर सीटीएनएल में इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लोन में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले के संबंध में तलब किया है। बता दें कि उद्धव ठाकरे का राज के पक्ष में आना काफी हैरानी भरा है और वो भी तब जब लोकसभा चुनाव में वे भाजपा और शिवसेना के खिलाफ प्रचार कर चुके है।

जमीन खरीदकर निवेश

उन्मेष जोशी की कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के जरिए कोहिनूर मिल की जमीन खरीदी गई। इसके बाद जमीन पर कोहिनूर स्क्वायर नामक इमारत का निर्माण किया गया, साथ ही इसमें सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के माध्यम से निवेश करवाया गया।

क्या है पूरा मामला ?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आइएलएफएस की ओर से कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी को दिए कर्ज और इंवेस्टमेंट की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि इस निवेश में धांधली की शिकायत के बाद ईडी ने इस मामले में दखल दिया और जांच शुरू की थी। फिलहाल ईडी कई लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है और अब शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

राज ठकरे ने साधी चुप्पी

हालांकि इस मामले पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि उनकी पार्टी की ओर से लोगों ने बयान दिया है और इसे निराधार बताया है।

ईडी के नोटिस के बाद किया था बंद का आह्वान

राज के समर्थन में उनके समर्थकों ने 22 अगस्त को ठाणे बंद का आह्वान किया था, तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस का कहना था कि जब कुछ किया नहीं है, तो डरने की क्या जरूरत है?, वहीं, फिर बाद में मनसे द्वारा आहूत ठाणे बंद भी वापस ले लिया गया।

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