असदुद्दीन ओवैसी : इंशाअल्लाह! तेलंगाना में सरकार बनाएंगे केसीआर, हम उनके साथ खड़े होंगे

तेलंगाना विधानसभा के चुनाव नतीजे मंगलवार को आएंगे लेकिन यहां सत्ता में आने वाली पार्टी को समर्थन देने के दावों ने जोर पकड़ लिया। पहले भाजपा और अब एआईएमआईएम ने केसीआर को समर्थन देने की बात कही है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को भरोसा है कि राज्य में अगली सरकार तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की बनेगी और के चंद्रशेखर राव एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। ओवैसी ने कहा है कि केसीआर तेलंगाना में सरकार बनाएंगे और एआईएमआईएम उनके साथ खड़ी होगी। ओवैसी का यह बयान भाजपा को सत्ता की भागीदारी से दूर रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि तेलंगाना में टीआरएस को बहुमत से कम सीटें मिलने की स्थिति में भाजपा उन्हें अपना समर्थन दे सकती है। सात दिसंबर को आए एग्जिट पोल में तेलंगाना में भाजपा को पांच से 8 सीटें मिल सकती हैं। ओवैसी के बयान से जाहिर है कि वह तेलंगाना में भगवा पार्टी को सत्ता से दूर रखना चाहते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी और भाजपा के बीच तीखी जुबानी जंग भी देखने को मिली। ओवैसी ने कहा, ‘मैं आज 1.30 बजे तेलंगाना के कार्यकारी और अगले सीएम से मुलाकात करूंगा।’

I’ll be meeting Telangana’s caretaker & next CM of Telangana, KCR sahab @TelanganaCMO at 1:30 PM today. Inshallah he’ll form government on his own strength, and Majlis will stand by him. This is our first step towards a larger goal of nation building…..
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 10, 2018

बता दें कि नतीजों से 48 घंटे पहले भाजपा ने तेलंगाना में  टीआरएस से गठबंधन करने की इच्छा जाहिर की है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा, ‘अगर वो एआईएमआईएम (AIMIM) को छोड़ देते हैं और सार्वजनिक रूप से हमारा समर्थन चाहते हैं तो हम टीआरएस का समर्थन करेंगे।’ उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी हमारे समर्थन के बिना यहां (तेलंगाना) सरकार नहीं बना सकती है।’
बता दें कि तेलंगाना की 119 सीटों के लिए सात दिसंबर को वोट डाले गए। राज्य में मुख्य मुकाबला टीआरएस और कांग्रेस की अगुवाई वाली महागठबंधन के बीच है। महागठबंधन में तेदेपा, भाकपा, तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) शामिल हैं। एग्जिट पोल्स में तेलंगाना में केसीआर की सरकार बनने का दावा किया गया है। तेलंगना राज्य बनने के बाद यहां पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं।

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