अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी नजर आयी, कंपनियों के राजस्व और मुनाफे में आई गिरावट
अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होने का असर अब कंपनियों के प्रदर्शन पर भी दिखने लगा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों के राजस्व और मुनाफे में तेज गिरावट देखने को मिली है। सबसे ज्यादा असर कंपनियों के मुनाफे पर हुआ है। बीते साल में मुनाफे की वृद्धि दर 24.6 फीसद रही थी जो इस साल घटकर मात्र 6.6 फीसद रह गई है। घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आए नतीजों के विश्लेषण के आधार पर यह आकलन किया है।
गौरतलब है कि ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी और इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री में मांग की कमी की खबरें आ रही हैं। इन सभी वर्गो में जानकार मंदी का असर मान रहे हैं। ऑटोमोबाइल कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों में अस्थायी और कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी जाने की खबरे भी आई हैं। इस इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियां और एसोसिएशन सरकार से निरंतर राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं।
रिपोर्ट में शामिल कंपनियों में से अगर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अलग कर दिया जाए तो कुल 2,574 कंपनियां बचती हैं। बीते साल की पहली तिमाही में इन कंपनियों के टैक्स भुगतान में 52.3 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी। लेकिन इस वर्ष यह घटकर 19 फीसद पर आ गया है। इसी तरह टैक्स चुकाने के बाद लाभ की वृद्धि दर भी बीते साल के 52.9 फीसद से गिरकर 11.9 फीसद रह गया।