अभी-अभी: साइरस मिस्त्री को लगा लगा बड़ा झटका, NCLT ने खारिज की याचिका
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से बड़ा झटका लगा है। ट्रिब्यूनल ने टाटा संस के पक्ष में फैसला देते हुए मिस्त्री की याचिका को खारिज कर दिया है। सायरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। यह विवाद करीब 18 महीने से चल रहा था, जिस पर फैसला आने के बाद इस पर पूरी तरह से पर्दा डल गया है। सायरस मिस्त्री पर जानकारी लीक करने का आरोप था।
एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा कि बोर्ड के पास पद से हटाने का अधिकार है। एनसीएलटी ने रतन टाटा के खिलाफ लगाए गए आरोप को खारिज किया है। एनसीएलटी ने कहा कि टाटा ग्रुप मैनेजमेंट में कोई गड़बड़ी नहीं है।
टाटा-मिस्त्री घटनाक्रम
टाटा संस-सायरस मिस्त्री मामले की अब तक की घटनाएं इस प्रकार हैं :
24 अक्तूबर, 2016 : टाटा संस ने सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से बर्खास्त किया। रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया।
25 अक्तूबर, 2016 : मिस्त्री ने टाटा संस के बोर्ड को पत्र लिखा, टाटा के ट्रस्टी द्वारा क्षद्म नियंत्रण का लगाया आरोप।
19 दिसंबर, 2016 : मिस्त्री ने टाटा समूह की सभी कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दिया।
20 दिसंबर, 2016 : मिस्त्री ने एनसीएलटी में याचिका दाखिल कर अल्पमत शेयरधारकों के दमन और कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
12 जनवरी, 2017 : टाटा संस ने एन. चंद्रशेखरन को चेयरमैन नियुक्त किया।
6 फरवरी, 2017 : मिस्त्री को टाटा संस के बोर्ड से निदेशक पद से हटाया गया।
21 सितंबर, 2017 : टाटा संस के बोर्ड ने प्राइवेट कंपनी बनने की योजना को मंजूरी दी।
12 जून, 2018 : एनसीएलटी ने फैसले के लिए चार जुलाई की तिथि तय की।
4 जुलाई, 2018 : एनसीएलटी ने फैसले की तिथि को बढ़ाकर नौ जुलाई किया।
9 जुलाई, 2018 : एनसीएलटी ने मिस्त्री की वह याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त किए जाने को चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि मिस्त्री को बोर्ड से इसलिए हटाया गया, क्योंकि बोर्ड और उसके सदस्यों का उन पर से विश्वास खत्म हो गया था।
टाटा संस-सायरस मिस्त्री मामले की अब तक की घटनाएं इस प्रकार हैं :
24 अक्तूबर, 2016 : टाटा संस ने सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से बर्खास्त किया। रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया।
25 अक्तूबर, 2016 : मिस्त्री ने टाटा संस के बोर्ड को पत्र लिखा, टाटा के ट्रस्टी द्वारा क्षद्म नियंत्रण का लगाया आरोप।
19 दिसंबर, 2016 : मिस्त्री ने टाटा समूह की सभी कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दिया।
20 दिसंबर, 2016 : मिस्त्री ने एनसीएलटी में याचिका दाखिल कर अल्पमत शेयरधारकों के दमन और कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
12 जनवरी, 2017 : टाटा संस ने एन. चंद्रशेखरन को चेयरमैन नियुक्त किया।
6 फरवरी, 2017 : मिस्त्री को टाटा संस के बोर्ड से निदेशक पद से हटाया गया।
21 सितंबर, 2017 : टाटा संस के बोर्ड ने प्राइवेट कंपनी बनने की योजना को मंजूरी दी।
12 जून, 2018 : एनसीएलटी ने फैसले के लिए चार जुलाई की तिथि तय की।
4 जुलाई, 2018 : एनसीएलटी ने फैसले की तिथि को बढ़ाकर नौ जुलाई किया।
9 जुलाई, 2018 : एनसीएलटी ने मिस्त्री की वह याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त किए जाने को चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि मिस्त्री को बोर्ड से इसलिए हटाया गया, क्योंकि बोर्ड और उसके सदस्यों का उन पर से विश्वास खत्म हो गया था।