अब 1000 ग्राम का नहीं रहा 1 किलो, 130 साल बाद दोबारा किया गया परिभाषित

साठ देशों के प्रतिनिधियों द्वारा भार, विद्युत धारा, तापमान और रासायनिक पदार्थ की मात्रा की अंतरराष्ट्रीय इकाई तंत्र को पुनर्परिभाषित करने के पक्ष में मतदान किया जिसके बाद किलोग्राम, एंपीयर, केल्विन और मोल की विश्व की मानक परिभाषा बदल दी गयी हैं।

अभी तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिकृति (आईपीके) फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय भार एवं माप ब्यूरो (बीआईपीएम) में रखे प्लेटिनयम मिश्रधातु का सिलेंडर किलोग्राम को परिभाषित करता है। 130 साल बाद यह हट जाएगा। अब उसकी जगह प्लांक स्थिरांक लेगा जो क्वांटम भौतिकी का मौलिक स्थिरांक है। आईपीके के स्थायित्व को समान प्रतियों के साथ तुलना कर सत्यापित किया जा सकता था और यह मुश्किल और संभावित रुप से असटीक प्रक्रिया थी।

लेकिन प्लांक स्थिरांक सभी जगह और सदैव उपयोग के लिए तैयार है। फ्रांस के वर्साय में बीआईपीएम के तत्वावधान में ‘भार और माप पर कराये गये आम सम्मेलन’ में यह निर्णय लिया गया। इसका मतलब है कि सभी अंतरराष्ट्रीय इकाइयां अब स्थिरांकों के संदर्भ में परिभाषित किये जाएंगे जो प्राकृतिक विश्व को व्याख्यायित करते हैं। इससे इकाई तंत्र में भावी स्थायित्व पक्का होगा और परिभाषाओं को लागू करने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी समेत नयी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का मौका मिलेगा। 

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ये बदलाव अगले साल 20 मई को प्रभाव में आ जाएंगे। उनसे माप इकाइयों को परिभाषित करने के लिए भौतिक वस्तुओं का इस्तेमाल खत्म हो जाएगा। बीआईपीएम के निदेशक मार्टिन मिल्टन ने कहा, ‘‘एसआई पुनर्परिभाषा वैज्ञानिक तरक्की के लिए ऐतिहासिक क्षण है।’’ 

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