अब बेरोजगारों को रोजगार देगा राजाजी पार्क, किसानों की बढ़ेगी आय

राजाजी पार्क सीमा से जुड़े सीमांत गांवों के किसानों की आय बढ़ाने और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए पार्क अधिकारियों ने ठोस योजना बनाकर काम शुरू कर दिया है।अब बेरोजगारों को रोजगार देगा राजाजी पार्क, किसानों की बढ़ेगी आय

इसके तहत राजाजी टाइगर रिजर्व की बेरीवाड़ा रेंज के सीमांत गांवों की संस्कृति को इको टूरिज्म से जोड़ दिया गया है। ऐसे में देशभर के पर्यटकों को पार्क से सटे गांवों के रहन-सहन, उनके स्थानीय खाद्य पदार्थ आदि उपलब्ध कराने से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। वहीं मशरूम और लेमन ग्रास उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाई जा रही है।

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से जुड़े गांवों को पर्यटन के जरिये विकसित करने को लेकर अधिकारी एक रूट तैयार कर रहे हैं। ये रूट राजाजी पार्क से सटे गांवों से होते हुए योगगुरु बाबा रामदेव के योगग्राम, आचार्यकुलम् एवं जंगल के रमणीय स्थलों से गुजरता हुआ निकलेगा।

मशरूम उत्पादन का प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है

उम्मीद जताई जा रही है कि देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को ये एक नया टूरिस्ट प्लेस होगा। इससे पार्क सीमांत से जुड़े गांवों में पर्यटकों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। इससे इन क्षेत्र के कई गांवों के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

बेरीवाड़ा रेंज के रेंजर विजय कुमार सैनी ने बताया किसानों की आय बढ़ाने के लिए सीमांत से जुड़े गांव में लेमन ग्रास प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। शुरुआत में ये प्रोजेक्ट 60 बीघा में शुरू किया गया। अब रेंज सीमा से जुड़े गांव औरंगाबाद, खाला टीहरा, डालुवाला कलां, रसूलपुर टोंगिया, हजारा ग्रंट सहित कई गांवों की 1200 बीघा जमीन में अगले दो माह में लेमन ग्रास लगवाया जाएगा। इससे किसानों की माली हालत में आर्थिक सुधार भी होगा।

खेतों में सिंचाई के लिए पार्क की ओर से सीमा से सटे गांवों में ट्यूबवेल भी लगाए गए हैं। वहीं बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए मशरूम उत्पादन का प्रोजेक्ट भी बेरीवाड़ा रेंज में चलाया जा रहा है। बेरोजगार युवक मशरूम की खेती कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। 

क्या होता है लेमन ग्रास? 

लेमन ग्रास एक तरह से पत्तीदार झुंड के रूप मे तैयार होने वाली घास है। इनकी पत्तियों के तेल से सिंड्रोनेला ऑयल निकलता है। इसकी बाजार में कीमत करीब 1500 रुपये प्रति लीटर है। एक बीघा खेत से किसान को एक वर्ष में बीस हजार रुपये का मुनाफा होता है। एक बार लगाने पर यह घास करीब आठ वर्ष तक उत्पादन देती है। हर तीन माह में लेमन ग्रास तैयार हो जाती है। इस घास से बंदर व अन्य वन्य जीव दूर रहते हैं।

केंद्र ने लेमन ग्रास प्रोजेक्ट की जानकारी ली 
मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए वन अधिकारियों को हरिद्वार का मॉडल पसंद आ गया है। राजाजी टाइगर रिजर्व की बेरीवाड़ा रेंज में मानव वन्यजीव संघर्ष एवं किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने के लिए सीमांत गांव टीहरा टोंगिया में 60 बीघा जमीन पर लेमन ग्रास प्रोजेक्ट लगाया गया है। इसकी जानकारी एडीजी फारेस्ट केंद्र सरकार आरएस नेगी ने गुरुवार को बेरीवाड़ा रेंज पहुंचकर पार्क अधिकारियों से ली।

रेंजर विजय सैनी ने बताया कि बेरीवाड़ा रेंज में शुरुआत में लगाए गए प्रोजेक्ट के सफल परिणाम सामने आए हैं। एडीजी नेगी का कहना है कि यह एक अच्छा प्रोजेक्ट है, जो पर्यावरण एवं किसानों के लिए बेहद मददगार है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा देंगे। इस दौरान पार्क निदेशक सनातन सोनकर, राजेंद्र सिंह, अंकित आदि मौजूद रहे।

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