अब आपके अलावा किसी को नहीं पता चलेगा आधार नंबर

आधार कार्ड और इसकी सुरक्षा को लेकर काफी ज्यादा चिंताएं जताई जा रही हैं. ऐसे में आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई एक ऐसी मजबूत व्यवस्था  लाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत आपका आधार नंबर सुरक्षित होगा. सरकारी एजेंसियों समेत कहीं भी आपको अपना आधार नंबर नहीं देना पड़ेगा.

अब आपके अलावा किसी को नहीं पता चलेगा आधार नंबरडमी नंबर जारी करने पर चल रहा विचार

दरअसल आधार अथॉरिटी हर आधार कार्ड होल्डर को एक डमी नंबर जारी करने की व्यवस्था लाने पर विचार कर रही है. इस व्यवस्था के तहत जहां भी आधार नंबर की जरूरत होगी, वहां डमी नंबर देना होगा. इस नंबर की मदद से आधार से जुड़े सभी काम किए जा सकेंगे. इस तरह आधार नंबर सुरक्ष‍ित रहेगा.

चल रही है बातचीत

इकोनॉमिक टाइम्स से दो वरिष्ठ अधिकारियों ने इस नई व्यवस्था को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को लाने को लेकर यूआडीएआई में उच्च स्तर पर बात चल रही है.  हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने से पहले यह देखा जाएगा कि डमी नंबर को कितने बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा या फिर इसे लागू करना  कितना फायदेमंद साबित होगा.

हर बार जनरेट होगा नया डमी नंबर

अध‍िकारियों ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत हर लेनदेन और काम के लिए हर बार नया डमी नंबर जनरेट करने की व्यवस्था की जा सकती है.  जैसे कि आपको किसी सरकार एजेंसी में आधार नंबर देना है, तो इसके लिए आप आधार डमी नंबर जनरेट कर सकेंगे. यह आपके फोन पर वन टाइम पासवर्ड  की तरह आएगा और एक इस्तेमाल के बाद यह निष्क्रिय हो जाएगा.

आधार डिटेल ट्रैक करना होगा मुश्कि‍ल

अध‍िकारियों के मुताबिक एक परमानेंट डमी नंबर रखना किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अलग-अलग डमी नंबर होने से आधार डिटेल्स को ट्रैक करना काफी मुश्किल होगा. इससे आधार की  डिटेल्स को सुरक्ष‍ित रखने में काफी ज्यादा मदद मिलेगी.

सार्वजनिक कर दीं आधार डिटेल

बता दें कि रविवार को ही आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार की 200 से अधिक वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते जैसी जानकारियां सार्वजनिक कर दी हैं. एक आरटीआई के जवाब में कहा कि उसने इस उल्लंघन पर संज्ञान लिया है और इन वेबसाइटों से जानकारियां हटवा दी हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि यह उल्लंघन कब हुआ.

हटाया गया ब्यौरा

यूआईडीएआई ने साफ किया है कि उसकी ओर से आधार के ब्यौरे को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया. संस्था ने कहा, ‘यह पाया गया है कि शैक्षिक संस्थानों समेत केंद्र सरकार, राज्य सरकार के विभागों की तकरीबन 210 वेबसाइटों पर लाभार्थियों के नाम, पते, अन्य जानकारियां और आधार संख्याओं को आम जनता की सूचना के लिए सार्वजनिक कर दिया गया’. उसने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा कि यूआईडीएआई ने इस पर ध्यान दिया है और इन वेबसाइटों से आधार का ब्यौरा हटा दिया है

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