भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो अनोखे और बेहद चमत्कारिक हैं। ऐसा ही एक मंदिर वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण का है। यह मंदिर निधिवन में है। भगवान श्रीकृष्ण का यह मंदिर इतना चमत्कारिक है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल यह अपने आप ही खुलता है और खुद ही बंद हो जाता है।
वहां के पुजारियों का मानना है कि इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण रोजाना शयन के लिए आते हैं। मंदिर में भगवान के शयन के लिए बकायदा बिस्तर लगाया जाता है। बिस्तर में साफ सुथरे गद्दे और चादर बिछायी जाती है। जब मंदिर खुलता है तो बिस्तर में पड़ी सलबटें ये बताती हैं कि यहां कोई सोने के लिए आया था।
मंदिर की दूसरी चमत्कारिक घटना ये है कि इस मंदिर में प्रतिदिन माखन-मिश्री का प्रसाद बांटा जाता है, वहीं जो प्रसाद बच जाता है। उसे मंदिर में ही रख दिया जाता है। लेकिन बचा हुआ प्रसाद सुबह तक समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण माखन मिश्री को चट कर जाते हैं।
मान्यता अनुसार इस मंदिर को तानसेन के गुरु संत हरिदास ने अपने भजन से राधा−कृष्ण के युग्म रूप को साक्षात प्रकट किया था। यहां कृष्ण और राधा विहार करने आते थे। यहीं पर स्वामीजी की समाधि भी बनी है। इस मंदिर में राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण के सोने की व्यवस्था की जाती है।
मंदिर के बारे में यह बताया जाता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी रासलीला करते हैं। कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति रात में छिपकर राधा-कृष्ण की रास लीला को देखता है तो वह पागल हो जाता है। उसकी आंखों की रोशनी चली जाती हैं। इसलिए मंदिर के समीप घरों में खिड़कियां नहीं लगी हैं। लोग शाम की आरती के बाद मंदिर में नहीं जाते हैं।
मंदिर परिसर में तुलसी के दो पौधे हैं कहते हैं रात के समय ये पौधे राधा की गोपियां बन जाती हैं और उनके साथ नृत्य करती हैं। इस तुलसी का पत्ता भी कोई नहीं ले जाता है।