अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को मिलेगी कोचिंग सुविधा

धर्मशाला। सिविल सेवा की परीक्षाओं में भाग ले रहे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से संबंधित प्रार्थियों को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के माध्यम से छात्रावास सुविधा के साथ कोचिंग सुविधा उपलब्ध करवाने की मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण अनुभवी शिक्षक संकाय द्वारा प्रदान किया जाएगा, जिससे ऐसे प्रार्थियों को प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री धर्मशाला में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण बोर्ड की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग सहित समाज के सभी वर्गों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है और इनके सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी नीतियां, कार्यक्रम व योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी समुदायों के विकास के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने विभिन्न कल्याण बोर्डों का गठन किया है और हाल ही में धीमान कल्याण बोर्ड का भी गठन किया गया है। उन्होंने संबंधित विभागों को बैठक में की गई परिचर्चा के आधार पर नीतियां व कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की महत्वपूर्ण बैठकों में सुझाव व प्रतिक्रिया के माध्यम से नई नीतियों व कार्यक्रमों की योजना बनाने में सहायता मिलती है।
प्रत्येक समुदाय की अपनी समस्याएं होती हैं और इस पर हुई परिचर्चा सरकार को उनकी आवश्यकता व मांगों के प्रति सजग करती है और उनके कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठाने में सहायता करती है। मनोनीत सदस्य बैठक में उनके समुदाय के प्रभावित लोगों की आवाज उठाने में सहायता करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और सरकार द्वारा उनके उत्थान के लिए प्रत्येक संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को समुदाय के लोगों की समस्याओं का निर्धारित समय के भीतर निवारण करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम व नीतियां कार्यान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि आवासरहित परिवारों को गृह निर्माण के लिए दिए जाने वाले अनुदान को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि समुदाय के लोगों को स्वरोजगार गतिविधियों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्त एवं विकास निगम का गठन किया गया है। समुदाय के विद्यार्थियों को अनेक छात्रवृति योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है।

शांडिल ने कहा कि गत वित्त वर्ष के दौरान इस समुदाय के 1031 उम्मीदवारों को कौशल विकास के अंतर्गत कम्प्यूटर तथा अन्य कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि उन्हें विभिन्न प्रमाण-पत्र एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में सहायता मिले। मुख्य सचिव वीसी फारका ने इस अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव अनुराधा ठाकुर ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
बैठक में घंडल-छटेरा से तूल और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शकराह तथा भुटुआ गांव के लिए सम्पर्क मार्ग और पावर प्रोजेक्टस से दरिणी शाहपुर सड़क के निर्माण के लिए सीएसआर के तहत धनराशि विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थानों में गैर-क्रियाशील मशीनों, स्वास्थ्य विभाग के भवन के अधूरे निर्माण, विभिन्न पदों को भरने, विद्युत्, परिवहन, बस सेवाएं, ग्राम पंचायतों के वार्डों के सृजन, आईआरडीपीए भू-संरक्षण, कृषि भूमि के संरक्षण, पैदल रास्तों के निर्माण व मुरम्मत, आबंटित धनराशि के परिवर्तन संबंधी जांच, यदि इसमें दोषी पाए जाते हैं, तो कठोर कारवाई करनेए वर्तमान आरक्षण को 18 से 27 प्रतिशत करने, ओबीसी प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि को बढ़ाने संबंधी मामलों, अन्य पिछड़ा वर्ग बस्तियों में सौर लाईटें स्थापित करने व ओबीसी वर्ग के लिए सामुदायिक केन्द्रों के निर्माण संबंधी मामले बैठक में उठाए गए।

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