अध्यक्ष राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस मिलने के बाद सूबे में सियासत हो गई शुरू

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नोटिस मिलने के बाद सूबे में सियासत शुरू हो गई है। राज के समर्थन में उनके समर्थकों ने 22 अगस्त को ठाणे बंद का आह्वान किया है, तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का कहना है कि जब कुछ किया नहीं है, तो डरने की क्या जरूरत है ?

22 अगस्त को होना है पेश

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राज ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के पुत्र उन्मेष जोशी को यह नोटिस देकर 22 अगस्त को ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा गया है। यह जांच इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लीजिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस ) द्वारा दिए गए ऋणों एवं उसके द्वारा किए गए निवेशों के संदर्भ में की जा रही है। आइएलएंडएफएस ने राज ठाकरे, उन्मेष जोशी एवं राज के व्यावसायिक साझीदार राजन शिरोडकर द्वारा भवन निर्माण के लिए बनाई गई साझा कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल को 860 करोड़ रुपए का ऋण दिया था। बता दें कि आइएलएंडएफएस की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद पिछले साल ही सरकार ने आइएलएंडएफएस का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। अब उसके द्वारा दिए गए ऐसे ऋणों की जांच हो रही है, जिनकी वसूली नहीं हो सकी है। हालांकि राज ठाकरे 2008 में ही इस कंपनी के अपने शेयर बेच चुके हैं। लेकिन ईडी ने उन्मेष जोशी के साथ-साथ उन्हें भी पूछताछ के लिए 22 अगस्त को हाजिर होने का नोटिस भेजा है। बता दें कि कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी ने दादर में शिवसेना भवन के ठीक सामने रही कोहिनूर मिल के भूखंड पर एक बहुमंजिला कोहिनूर टावर बनाया है।

 महाराष्ट्र में सियासत गरम 

राज ठाकरे को उक्त नोटिस मिलने के बाद महाराष्ट्र में सियासत भी गरम हो गई है। ठाणे में राज ठाकरे के समर्थकों ने मनसे अध्यक्ष को भेजी गई नोटिस के विरोध में 22 अगस्त को बंद का ऐलान किया है। उस दिन लोगों से बाहर न निकलने का आग्रह भी किया गया है। दूसरी ओर नासिक में राज के समर्थकों ने पूरे शहर में पोस्टर लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि ईडी की कार्यवाही कोहिनूर टावर मामले में नहीं, बल्कि एक कोहिनूर हीरे पर की जा रही है। राज ठाकरे की पत्नी शर्मीला ठाकरे ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि ऐसे प्रेमपत्र तो उन लोगों को अक्सर मिला करते हैं।

डराने के लिए कार्यवाही

मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे का कहना है कि हाल के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे द्वारा सरकार के विरोध में कई सभाएं की गईं। अब राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राज ठाकरे को डराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राजनीतिक उद्देश्य से यह कार्यवाही की जा रही है। जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने किसी भी प्रकार के राजनीतिक उद्देश्य से इंकार करते हुए कहा कि ईडी की कार्यवाही का सरकार से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने सवाल किया है कि जब आपने कुछ किया ही नहीं तो आपको डरने की क्या जरूरत है ?

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