अजीबोगरीब कानूनी विवाद में फंस गए 80 वर्षीय JDU MP किंग महेंद्रा, पढ़े पूरी खबर

बिहार के जहानाबाद जिले के गोविंदपुर गांव निवासी किंग महेंद्र प्रसाद के नाम से मशहूर उद्योगपति व राज्यसभा सदस्य महेंद्र प्रसाद अजीब कानूनी उलझन में फंस गए हैं। दरअसल, एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर इस बात का दावा किया है कि वह उनकी कानूनी तौर पर पत्नी हैं और उन्हें उनके साथ रहने दिया जाए। मालूम हो कि किंग महेंद्र अपनी लिव इन पत्नी उमा देवी के साथ दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास में साथ रहते थे।

लिव इन में रह रही पत्नी का दावा- 45 साल से हूं साथ, अलग क्यों रहूं

बिहार की 79 वर्षीय इस महिला उमा देवी का दावा है कि वह सात बार सांसद रह चुके किंग महेंद्र के साथ पिछले 45 सालों से रह रही हैं। उमा देवी ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह तक किंग महेंद्र से अलग रहने का आदेश दिया था। उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. बनमुथी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए आया। महिला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले में पूरी तरह से अवैध प्रक्रिया का पालन किया है। पति-पत्नी को अलग-अलग क्यों रहना चाहिए?

उन्होंने इसे अजीबोगरीब मामला बताया और जांच पर सवाल उठाए। कहा कि हाईकोर्ट को इस तरह का आदेश नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण से जुड़ा मामला है। याचिका सांसद के बेटे ने दायर की हुई है।

किंग महेंद्र के बेटे का आरोप-पिता की सेक्रेट्री ने मां को बनाया बंधक

बता दें कि इससे पहले किंग महेंद्र के बेटे रंजीत शर्मा ने आरोप लगाया है कि उनके पिता की सेक्रेटरी उमा देवी ने उनकी मां को एक फार्म हाउस में बंधक बना रखा है. उन्हें ना तो पिता से मिलने दिया जा रहा है और ना ही मां से. साथ ही उन्होंने पिता को अल्जाइमर रोग होने की बात कही है.

रंजीत शर्मा का आरोप है कि उनकी माता और पिता जिनकी उम्र 80 साल है उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है।उनको हमसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि सांसद की सेक्रेट्री उमा देवी ने बंधक बनाकर रखा हुआ है।

कौन है महेंद्र सिंह सिंह

महेंद्र सिंह देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक हैं। किंग महेंद्र दो फार्मास्यूटिकल कंपनी मैप्रा लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड और अरिस्टो फार्मास्यूटिकल के मालिक हैं।

किंग महेंद्र ने 1980 में पहली बार जहानाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर संसद में प्रवेश किया था मगर 1984 में राजीव गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर होने के बाद भी वह नहीं जीत पाए थे। मूलरुप से बिहार के जहानाबाद के गोविंदपुर गांव रहने वाले हैं। किंग महेंद्र कारोबार कई देशों में फैला हुआ है।

सात हजार करोड़ के मालिक हैं किंग महेंद्र

मैप्रा लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड और अरिस्टो फार्मास्यूटिकल कंपनी के मालिक किंग महेन्द्र के पास 4000 हजार करोड़ की चल और 2910 करोड़ की अचल संपत्ति है। किंग महेन्द्र ने 1971 में अरिस्टो फार्मास्यूटिकल शुरू की थी, जो देश की 20 टॉप टेन दवा कंपनियों में शामिल है।

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