अजीत जोगी कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं: रमन सिंह
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी चौथी पारी खेलने का मौका पाने की कोशिश कर रहे रमन सिंह ने सोमवार को कहा कि यह अच्छा है कि मुकाबला को त्रिकोणीय बनाने के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी चुनावी मैदान में उतरे हैं. साथ ही, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस के साथ-साथ यह तीसरी शक्ति उनकी पार्टी को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
बहरहाल, रमन सिंह का कहना है कि जोगी की ‘जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़’ (जेसीसी) का असर भाजपा से अधिक कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं पर पड़ेगा. सिंह ने कहा कि पूर्व कांग्रेस नेता को राज्य भर में लोग पहचानते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि उनकी (जोगी की) पार्टी चुनाव लड़ रही है. मुकाबला अब द्विपक्षीय नहीं होगा. वह भाजपा और कांग्रेस दोनों को प्रभावित करेंगे लेकिन कांग्रेस पर इसका प्रभाव अधिक होगा.’’
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अजीत जोगी
मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने थे. कांग्रेस की ओर से उन्होंने वर्ष 2000 से 2003 तक राज्य का नेतृत्व किया. उसके बाद करीब 15 वर्ष से सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं. पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस ही उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी रही है. आगामी राज्य चुनाव में जोगी की पार्टी मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ उतरेगी. राज्य के दो चरणीय चुनावों में 12 नवंबर को 18 सीटों पर और 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान होगा. मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
छत्तीसगढ़ की सबसे अहम विधानसभा सीटों में से एक मरवाही में पिछले कई सालों से जोगी परिवार का राज है. मरवाही विधानसभा क्षेत्र से अपने पिता की विरासत संभाल रहे अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी इस सीट से विधायक हैं. बता दें मरवाही विधानसभा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है और अजीत जोगी ने इसी सीट से जीत हासिल कर मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था.
पहले रमन सिंह की परंपरागत सीट राजनांदगांव से उनको चुनौती देने की घोषणा करने वाले अजीत जोगी आखिरकार अपनी परंपरागत सीट मरवाही से एक बार फिर चुनावी समर में उतरे हैं. अमित जोगी से पहले अजीत जोगी इस सीट से विधायक थे, लेकिन 2013 में उन्होंने यह सीट अपने बेटे के लिए छोड़ दी थी. अमित जोगी ने भी अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए भारी मतों से जीत हासिल की. बता दें मरवाही 2001 से अजीत जोगी के कब्जे में है. अजीत जोगी इस सीट से लगातार 2003 और 2008 में जीत दर्ज करा चुके हैं.
2003 विधानसभा चुनाव नतीजे
बता दें 2003 के चुनावों में अजीत जोगी ने 76,269 वोटों के साथ मरवाही विधानसभा सीट को अपने नाम किया. जबकि उनके विपक्ष में खड़े बीजेपी के नंद कुमार साई को 22,119 वोट ही मिल सके.
2008 विधानसभा चुनाव नतीजे
वहीं 2008 में अजीत जोगी ने फिर करीब 42 हजार के बड़े अंतर से जीत हासिल की. अजीत जोगी को जहां 67,522 वोट मिले तो वहीं भाजपा प्रत्याशी ध्यान सिंह को 25,431 वोट ही मिल सके.
2013 विधानसभा चुनाव नतीजे
2013 में अजीत जोगी ने मरवाही में अपनी जगह बेटे अमित जोगी को दी. जिस पर खरे उतरते हुए अमित जोगी ने 82,909 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा को 36,659 वोट मिल सके.