अजय माकन के इस्तीफे के पीछे कहीं ‘आप’ तो नहीं, ये हैं 4 बड़ी वजहें

करीब तीन माह पूर्व त्यागपत्र दे चुके अजय माकन का त्यागपत्र अचानक स्वीकार करने के पीछे कहीं कांग्रेस-आप के बिगड़ रहे रिश्तों को बचाने की प्रक्रिया तो नहीं है। दरअसल, आप ने कभी भी गठबंधन का विरोध नहीं किया बल्कि चुप्पी साधे रखी। वहीं, समय-समय पर कांग्रेस की ओर से खुलेआम गठबंधन को लेकर विरोधी आवाज उठती रही है।बृहस्पतिवार को पहली बार आप सांसद संजय सिंह के बयान के बाद उठे बवाल के तुरंत बाद अजय माकन के त्यागपत्र को स्वीकार करने से इस बात पर भी कयास लगने लगे हैं। माकन एक मात्र ऐसे नेता रहे हैं जो गठबंधन के खिलाफ थे और त्यागपत्र की धमकी दी थी। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने भी उनके सुर में सुर मिलाकर गठबंधन की बात को नकार दिया था।

इसके बाद के घटनाक्रम में शीला ने अपने सुर बदल लिए थे, उनका कहना था कि गठबंधन किससे करना है किससे नहीं, यह काम हमारा नहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का है। जो निर्णय राहुल गांधी करेंगे, सभी पार्टी नेताओं को स्वीकार होगा।

शीला दीक्षित के यू टर्न लेने से माकन खफा थे और एक बार फिर लगने लगा था कि कांग्रेस-आप गठबंधन की दिशा में बढ़ रहे हैं। इसी बीच राहुल-केजरीवाल के एक मंच पर शामिल होने और राजस्थान में मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह में सांसद संजय सिंह के शामिल होने से भी इस बात को बल मिला था कि दोनों पार्टियां गठबंधन के करीब हैं।

बावजूद इसके समय-समय पर कांग्रेस नेताओं के बयान से परेशान संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट कर दिया कि आप महागठबंधन का हिस्सा नहीं है और दिल्ली, पंजाब, गोवा व हरियाणा में अपने स्तर पर मैदान में उतर सकती है। इस बयान के तुरंत बाद एक बार फिर कयास लगने शुरू हो गए हैं कि कहीं कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए ही तो माकन का त्यागपत्र स्वीकार कर एक संदेश देने का प्रयास किया है।

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