अजगरों को पकड़ने के लिए अमेरिका गए भारत के ये संपेरे

फ्लोरिडा वन्‍यजीव विभाग अधिकारी द्वारा दो भारतीय संपेरों को बर्मीज अजगर से छुटकारा पाने के लिए नियुक्‍त किया गया है और इस काम के लिए 68,888 डॉलर भी मिले हैं।

बता दें कि वहां के ट्रॉपिकल वेटलैंड में लुप्‍त होने के कगार पर छोटे स्‍तनधारी प्रजातियों को ये अजगर अपना शिकार बना रहे हैं।

तमिलनाडु के इरुला समुदाय के 50 वर्ष की उम्र वाले मासी सदाइयां और वैदिवेल गोपाल भारत में सफल संपेरे हैं। इस माह के शुरुआत में इन्‍हें दो अनुवादकों के साथ फ्लोरिडा लाया गया है। ये खोजी कुत्‍तों के साथ काम करेंगे।

मात्र आठ दिनों में ही 16 फुट लंबी मादा अजगर समेत 13 अजगरों को पकड़ इन्‍होंने फ्लोरिडा फिश एंड विल्‍डलाइफ कंजर्वेशन कमिशन के अधिकारियों को चकित कर दिया।

फ्लोरिडा विल्‍डलाइफ कमिशन व यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्‍चरल साइंसेज के अधिकारियों ने इसे अनोखा प्रोजेक्‍ट बताया है।

फ्लोरिडा विल्‍डलाइफ की प्रबंधन विभाग की अधिकारी क्रिस्‍टीन सोमर्स ने कहा, अपने देश में अजगरों को हटाने में इरुला काफी सफल रहे, हम उम्‍मीद कर रहे हैं कि वे फ्लोरिडा में लोगों को अपनी खूबियों में से कुछ सीखा दें।

सोमर्स ने बताया,’योग्‍यता और क्षमता में संशोधन के लिए हम अपने सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं।‘

एक मीडिया रिलीज के अनुसार, ‘दुनिया के मशहूर भारतीय संपेरों ने शुरुआती आठ दिनों में ही 13 अजगरों को पकड़ लिया जिसमें चार तो उन्‍होंने क्रोकोडाइल लेक में पकड़ा।‘

कमिशन ने बताया कि भारतीय संपेरों व उनके अनुवादकों को इस काम के लिए 68,888 डॉलर का भुगतान किया है और दक्षिण भारत से दक्षिण फ्लोरिडा लेकर आए। पूरी फरवरी वे फ्लोरिडा में ही रुकेंगे।

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