अगली समीक्षा बैठक में सामान्य होगा RBI का रुख, जून से ब्याज दरों में हो सकती है कटौती

अगले महीने होने वाली समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने रुख को बदल कर ”न्यूट्रल” कर सकता है और जून महीने में रेट में कटौती  कर सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के पोल्स में शामिल अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है।

जीडीपी में आई सुस्ती और खुदरा महंगाई के नियंत्रण में होने के बाद कारोबारी जगत आरबीआई से ब्याज दरों में राहत दिए जाने की मांग कर रहा है।
सर्वेक्षण में शामिल अर्थशास्त्रियों का यह अनुमान पूर्व के अनुमान से बिलकुल उलट है, जिसमें उन्होंने अगले तिमाही से ब्याज दरों में इजाफे का अंदेशा जाहिर किया था। हालांकि 10 दिसंबर को आरबीआई के गवर्नर ऊर्जित पटेल के अचानक हुए इस्तीफे बाद अर्थशास्त्रियों के रुख में बदलाव आया है। सर्वे में कहा गया है कि सुस्ती के बावजूद चीन की जीडीपी मजबूत बनी रहेगी। वहीं मई में होने वाले आम चुनाव के नतीजों की अनिश्चितता एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के ग्रोथ को लेकर आशंका पैदा कर सकती है।
21-23 जनवरी के बीच हुए सर्वे में दो तिहाई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि 7 फरवरी को होने वाली समीक्षा बैठक में आरबीआई रेपो रेट को 6.5 फीसद के स्तर पर ही बनाए रख सकता है।
महंगाई में आई गिरावट और आरबीआई के नेतृत्व में हुए अचानक बदलाव के बाद अर्थशास्त्री रेट में कटौती की संभावना को जाहिर कर रहे हैं। गौरतलब है कि दिसंबर में महंगाई कम होकर 2.19 फीसद हो गई, जो 18 महीनों का निचला स्तर है। आरबीआई ने मीडियम टर्म में महंगाई का लक्ष्य 4 फीसद (+-दो फीसद) रखा है।

सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए 7.3 फीसद जीडीपी का अनुमान जाहिर किया। उनका यह अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 2019-20 के 7.5 फीसद के अनुमान से कम है। गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुई ट्रेड वार की वजह से दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था में कमजोरी रहने का अंदेशा है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति भी प्रभावित होगी।

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