अगर लेने जा रहे हैं किसी से कर्ज तो ये खबर पढ़ना न भूलें…

हर व्यक्ति को सुख-समृद्धि की कामना होती है और वह चाहता है कि उसे तथा उससे जुड़े सभी व्यक्तियों को जीवन का हर सुख साधन उपलब्ध हो और वह अपनी इच्छित मनोकामना को पूरा कर सके। इसके लिए वह बहुत से प्रयत्न करता है। जीवन की यात्रा कई मोड़ों से होकर गुजरती है जितने मोड़ व्यक्ति के जीवन में आते हैं उतना ही संघर्ष करना पड़ता है। सुख-दुख का आना-जाना लगा रहता है। सुख और दुख सिक्के के दो पहलू हैं। यदि सुख है तो दुख भी निश्चित हैं और दुख हैं तो सुख का आना भी लाजमी हो जाता है। कई बार ऐसा होता है कि दुख के समय लिया गया कर्जा व्यक्ति के जीवन को इतना कठिन बना देता है कि वह कर्ज के मायाजाल में फंसकर रह जाता है। उसे कर्ज से मुक्त होने का रास्ता दिखाई नहीं देता और कई बार तो यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहता है। पिता का कर्ज उसका पुत्र और पुत्र का कर्ज उसका पुत्र चुकाता रहता है और यह क्रम चलता ही रहता है।अगर लेने जा रहे हैं किसी से कर्ज तो ये खबर पढ़ना न भूलें...

कर्ज लेते समय हम उस समय की स्थिति के अनुसार सोच लेते हैं कि हम अपनी इंकम से उस कर्ज को एक योजनाबद्ध तरीके से चुका पाने में सफल हो जाएंगे परंतु कई बार ऐसा नहीं हो पाता। चलता-चलता काम रुक जाता है। नौकरी छूट जाती है या कई बार घर में ऐसी बीमारी हो जाती है, उसमें ऐसा खर्चा हो जाता है कि कर्ज की किस्त चुका पाना मुश्किल हो जाता है।

जन्मपत्री में कुछ ऐसे योग होते हैं जिनसे पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति कर्ज चुकाने में योग्य है या नहीं। कहीं बाद में कोई परेशानी तो नहीं आने वाली। हमारी जन्म कुंडली का छठा भाव और छठे भाव से संबंधित ग्रह व्यक्ति के कर्ज चुका पाने की क्षमता को दर्शाते हैं। अगर षष्टेश कुंडली में उच्च का है तो व्यक्ति कर्ज चुका पाने में सक्षम होता है। षष्टेश द्वादशेश के लग्नेश के साथ पीड़ित अवस्था में हो तो व्यक्ति को कर्ज मुक्ति में परेशानी उत्पन्न होती है। सप्तमेश यदि षष्टम भाव में हो तो व्यक्ति कर्ज चुका पाने में सफल हो जाता है। षष्ठम भाव में राहू-केतु शनि आदि अवस्था के अनुसार शुभ-अशुभ फल देते हैं।

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