अगर प्रेगनेंसी के समय हो रही नींद ना आने की परेशानी, तो जानें कुछ तरीके…

प्रेग्‍नेंसी के दौरान प्रेग्‍नेंट को पहले से कहीं ज्‍यादा देखभाल की जरूरत होती है. इसके लिए उसे अपनी डाइट के साथ-साथ आराम का भी पूरा ध्‍यान रखना चाहिए. जिकतना काम आप करती हैं उतना ही आपको आराम भी करना पड़ता है. लेकिन ऐसी स्थिति में आपको नींद न आने की और बेचैनी की समस्या होने लगती है. नौ महीनों के दौरान दर्द और अन्‍य हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स के चलते भरपूर नींद लेना मुश्किल हो जाता है. खासतौर पर थर्ड ट्राइमेस्‍टर में तो बिल्‍कुल भी मुमकिन नहीं हो पाता है.

नींद न आना
बढ़े हुए पेट के कारण कई महिलाओं को सोने में परेशानी होती है. खासतौर पर फिटल मूवमेंट और मसल्‍स में ऐंठन से नींद में खलल पड़ सकती है. हालांकि यह नॉर्मल बात है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर आप अच्‍छी नींद लेने की को‍शिश कर सकती हैं. Dr. Rajalaxmi Walavalka का कहना है कि पीठ के बल सोने की बजाय, साइड करवट से सोये.

विशेष रुप से बाई करवट में सोना चाहिए. आप चाहे तो अपने पेट के नीचे और पैरों के बीच में एक तकिया रख सकती हैं. इससे आपको रिलैक्‍स महसूस होगा और अच्‍छी नींद आएगी. साथ ही सोने से पहले बहुत ज्‍यादा लिक्विड लेने से बचें क्‍योंकि बार-बार बाथरूम जाने से नींद में खलल पैदा हो सकती है. रात को कफैइसके अलाव अच्‍छी नींद लेने के लिए आप सोने से पहले हल्‍की एक्‍सरसाइज भी कर सकती हैं.

पैरों में दर्द
प्रेग्‍नेंसी में वजन के बढ़ने से कमर और हिप्‍स के साथ-साथ पैरों मे दर्द बढ़ने लगता है. क्‍योंकि पेट का पूरा भार पैरों पर जाता है. यह दर्द टांगों के निचले हिस्‍से तक जाता है. प्रेग्‍नेंसी में, बढ़े हुए यूटरस का नर्वस पर प्रेशर के कारण यह समस्‍या होती है. आप इस दर्द से बचने के लिए हीट थेरेपी का सहारा ले सकती हैं. या आप चाहे तो गुनगुने तेल की मालिश भी करवा सकती हैं. इससे भी आपको बहुत रिलैक्‍स महसूस होगा.

कमर और हिप्‍स में दर्द
प्रेग्‍नेंसी के दौरान यूटरस का साइज बढ़ने लगता है. जी हां आमतौर पर प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ता है. बढ़े हुए वजन का असर मसल्‍स और कमर पर ही होता है. जिससे कमर और हिप में दर्द होने लगता है. कमर और हिप्‍स के दर्द को बेहतर बनाने का सबसे अच्‍छा तरीका हल्‍की एक्‍सरसाइज है. साथ ही दर्द को कम करने के लिए पीठ और पेट को बेहतर स्थिति में ही रखें. इसके अलावा दर्द को दूर करने के लिए गुनगुने पानी से सिकाई भी की जा सकती हैं.

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