अगर आप भी आज के दिन फलाहार में कुछ चटपटा ट्राई करना चाहते हैं तो ट्राई करें सिंघाड़ा कढ़ी…

आज नवरात्रि का सातवां दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां कालरात्रि अपने भक्तों के सभी शत्रुओं का संहार करके उनके सभी दुख दूर करती हैं। मां कालरात्रि की उपासना से परिवार में सुख-शांति का वास होता है। बात अगर पूजा और उनके मनपसंद भोग की करें तो मां कालरात्रि को पूजा में रातरानी के फूल चढ़ाएं जाते हैं और गुड़ का भोग लगाया जाता है। नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाला व्यक्ति अपना एनर्जी लेवल बनाए रखने के लिए फलाहार करता है। अगर आप भी आज के दिन फलाहार में कुछ चटपटा ट्राई करना चाहते हैं तो ट्राई करें सिंघाड़ा कढ़ी। ये रेसिपी न सिर्फ खाने में बेहद टेस्टी है बल्कि झटपट बनकर भी तैयार हो जाती है।  

सिंघाड़ा कढ़ी बनाने के लिए सामग्री-
-1 कप सिंघाड़ा का आटा 
-2 उबले हुए आलू
-3/4 चम्मच जीरा
-2 हरी मिर्च
-1/2 छोटी चम्मच काली मिर्च पाउडर
-2 बड़े चम्मच धनिया पत्ती 
-1/2 नींबू
-2 बड़े चम्मच देसी घी
-स्वादानुसार सेंधा नमक

सिंघाड़ा कढ़ी बनाने का तरीका-
सिंघाड़ा कढ़ी बनाने के लिए सबसे पहले उबले हुए आलू के छिलके उतारकर उसके मोटे मोटे टुकड़े करके अलग रख लें। इसके बाद हरी मिर्च और हरा धनिया बारीक काटकर रख लें। अब 1 कप पानी में सिंघाड़े का आटा डालकर उससे घोल तैयार कर लें। अब एक कड़ाही में 2 टेबलस्पून घी डालकर मीडियम आंच पर गर्म करके उसमें जीरा और कटी हरी मिर्च डालकर भूनें।इसके बाद इसमें उबले आलू डालकर फ्राई कर लें। 2 मिनट तक आलू को फ्राई करने के बाद सिंघाड़े का तैयार घोल कड़ाही में डालकर अच्छे से मिलाने के बाद 2-3 मिनट तक कढ़ी को पकने दें। इसके बाद कढ़ी में काली मिर्च पाउडर और स्वादानुसार सेंधा नमक डालकर कड़ाही को ढ़ककर करीब 5 मिनट तक कढ़ी पकने दें। इसके बाद इसमें बारीक कटा हरा धनिया और नींबू का रस निचोड़कर चम्मच से चलाते हुए करीब 1 मिनट तक और पकाकर गैस बंद कर दें। आपके फलाहार के लिए टेस्टी सिंघाड़ा कढ़ी बनकर तैयार हो गई है। 

Back to top button